रांची। राजधानी रांची के राजभवन के समीप पिछले कई दिनों से लगभग 892 व्यावसायिक प्रशिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। इन प्रशिक्षकों ने अपनी मांगों के समाधान के लिए मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च किया, लेकिन प्रशासन ने उन्हें मुख्यमंत्री आवास के पास रोक दिया।
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प्रदर्शनकारियों ने 10 प्रमुख मांगों की सूची प्रस्तुत की है। इनमें बताया कि व्यावसायिक प्रशिक्षकों को शिक्षा विभाग में स्थायी नियुक्ति दी जाए और ठेका प्रथा समाप्त की जाए। पूर्व की तरह सभी व्यावसायिक प्रशिक्षकों को बिना परीक्षा और साक्षात्कार के विद्यालय में बने रहने की लिखित आदेश जारी किया जाए। 2021 से अब तक के बढ़े हुए बकाया वेतन का तत्काल भुगतान किया जाए।
प्रशासन ने मुख्यमंत्री आवास के नजदीक प्रशिक्षकों को रोकने के बाद, एक आपात बैठक की और यह आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। हालांकि, प्रशिक्षकों ने प्रशासन की कार्रवाई को नकारते हुए अपनी हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है और अगले कदम के रूप में मुख्यमंत्री आवास की घेराबंदी की योजना बनाई है।
प्रदर्शन के दौरान, प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि उनकी मांगें न्यायसंगत हैं और इनका समाधान शीघ्र होना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारी मुख्य मांगें हैं कि ठेका प्रथा समाप्त की जाए, स्थायीत्व की गारंटी दी जाए, और बकाया वेतन का भुगतान तुरंत किया जाए। हमें विश्वास है कि प्रशासन हमारी समस्याओं को गंभीरता से लेगा।”
हड़ताल का असर शिक्षा प्रणाली पर भी पड़ा है, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। प्रशिक्षकों के आंदोलन के मद्देनजर, प्रशासन को इस मुद्दे के समाधान के लिए शीघ्र कदम उठाने की आवश्यकता है।
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