नई दिल्ली। डिजिटल क्रांति ने जहां मानव जीवन को द्रुत गति प्रदान की है, वहीं इसने क्राइम जगत को नया हथियार पकड़ा दिया है।युवा शक्ति इसके दुरुपयोग की ओर तेजी से बढ़ रही है। बिहार, झारखंड जैसे कुछ राज्य हैं, जहां कुछ गांव-कस्बे तो करीब पूर्ण रूप से साइबर क्राइम में लिप्त हैं। ऐसे ही झारखंड के गिरिडीह, देवघर और जामताड़ा के नाम सामने आए हैं, जो ‘साइबर क्राइम के हब’ बन गए हैं। गिरिडीह बिंसमी गांव तो ऐसा हैं जहां 1000 घर हैं जबकि वहां 900 लोग साइबर अपराध में लिप्त हैं। गुजरात पुलिस के हालिया सर्च ऑपरेशन में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के साइबर सेल अधिकारियों को एक आरोपी मोहम्मद जिलानी अंसारी की तलाश थी। जिलानी पर गुजरात में 15 लोगों को साइबर क्राइम का शिकार बनाने का आरोप है। इस मामले की जांच के लिए झारखंड पहुंची अहमदाबाद पुलिस तब चौंक गई जब स्थानीय पुलिस ने कहा कि अब वे साइबर जोन में प्रवेश कर रहे हैं। अहमदाबाद पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘हमने जांच की सूचना को टॉप सीक्रेट रखा था। जब हम बिंसमी गांव में घुसने ही वाले थे तभी झारखंड के एक सिपाही ने पूछा कि क्या हम किसी ऑनलाइन धांधलीबाज को खोज रहे हैं। जब हमने हां कहा तो वह फुसफुसाया, साइबर जोन में और किस को खोजोगे?’ आरोपी अंसारी के लिए गुजरात पसंदीदा इलाका था। अधिकारी ने बताया, ‘वह रोजाना 200 के करीब फोन कॉल करता था। हर 10-15 कॉल पर वह पीडि़त को एटीएम कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर और वन टाइम पासवर्ड देने के लिए राजी कर लेता था।’ अधिकारी के मुताबिक, वह पीडि़तों के अकाउंट से पैसा अपने ई वॉलेट में ट्रांसफर कर लेता था। इस ई वॉलेट को उसने 10 अलग-अलग फर्जी ईमेल आईडी से तैयार किया था।
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