रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय को अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है। साहिबगंज जिले में अवैध खनन के जरिए एक हजार करोड़ से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने बीते 17 नवंबर को हेमंत सोरेन से पूछताछ की थी। इसी दौरान उनसे उनकी संपत्ति का ब्योरा मांगा गया था।
सोरेन ने ईडी को जो ब्योरा सौंपा है, उसका तफसील अभी सामने नहीं आ पाया है। बताया जा रहा है कि उनकी चुनावी हलफनामे में दर्ज संपत्तियों और उसके बाद दो साल के इनकम टैक्स रिटर्न के आधार पर संपत्ति के बारे में ईडी को बताया है। माना जा रहा है कि ईडी ने भी अपने विभिन्न स्रोतों और जांच के दौरान कई संपत्ति की जानकारी जुटाई है। सोरेन की ओर से सौंपे गए ब्योरे के आधार पर इनका क्रॉस वेरिफिकेशन किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बता दें कि अवैध खनन की जांच कर रही ईडी ने सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, प्रेम प्रकाश और बच्चू यादव के खिलाफ विशेष पीएमएलए कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल किया था, उसमें दावा किया गया है कि पावर प्रेम प्रकाश ने कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल और साहिबगंज निवासी झामुमो नेता पंकज मिश्रा के साथ मिलकर मनी लांड्रिंग की है। चार्जशीट में यह भी दावा किया गया है कि इन्हें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का संरक्षण मिलता रहा है। इसी के आधार पर ईडी ने उनसे बीते 17 नवंबर को पूछताछ की थी। ईडी ने उनसे पूछा था कि साहिबगंज में पंकज मिश्रा के संरक्षण में चल रहे अवैध खनन के रैकेट के बारे में उन्हें जानकारी थी या नहीं? इस बारे में उन तक कोई शिकायत पहुंची या नहीं और अगर पहुंची तो उन्होंने कोई कार्रवाई की या नहीं? मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए गए पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश और कारोबारी अमित अग्रवाल से रिश्तों के बारे में भी हेमंत सोरेन से सवाल किए गए थे। अवैध खनन के मामलों में छापेमारी के दौरान ईडी ने जो साक्ष्य जुटाए हैं, उनके आधार पर भी सीएम से कई जानकारियां मांगी गई थीं।
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