रांची। लालू यादव को 3.5 साल की सजा सुनााई गई है, साथ ही 5 लाख का जुुर्माना भी लालू पर लगाया गया है। वहीं इस मामले में लालू को जमानत भी नहीं मिलेगी। अगर लालू को जमानत चाहिए तो उन्हें हाईकोर्ट का रूख करना होगा। आपको बता दें कि ये सजा रांची की विशेष सीबीआई कोर्ट ने दी है। वहीं 4 अन्य को 7 साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना लगाया है।
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किस मामले में हुई लालू को सजा
यह
मामला चाईबासा ट्रेजरी केस से जुड़ा है। जब पांच साल पहले संस्था के खाते
में से अड़तालिस करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी। इसके अलावा एक और
मामला देवघर के सरकारी कोषागार से जुड़ा है जिसमें फर्जी अलॉटमेंट के जरिए
उनयासी लाख रुपए निकाले गए थे। इस मामले में लालू को पांच साल की सजा सुनाई
गई थी। इसी के बाद उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी करार दे दिया गया
था।
चारा घोटाला
साल 1996 में वेस्ट सिंहभूमि(अब झारखंड में)
जिले में छापेमारी के बाद बिहार पशुपालन विभाग में चारा घोटाला प्रकाश में
आया था। इस मामले में दोषियों ने सरकारी खजाने को नौ सौ पचास करोड़ रुपए की
चपत लगाई थी। मामले के उजागर होने के बाद लालू को जेल भी जाना पड़ा था और
इसी केस के कारण उन्हें बिहार की जनता ने उन्हें और उनकी पार्टी को खारिज
भी कर दिया था।
जज पर दबाव बनाने का प्रयास
सीबीआई जज शिवपाल
सिंह ने गुरुवार को कहा कि उन्हें लालू यादव के कई समर्थकों के लगातार फोन
कॉल्स आ रहे हैं। माना जा रहा है कि यह सब लालू के इशारे पर ही किया जा रहा है ताकि
जज पर दबाव बनाया जा सके।
कुछ रोचक भी टिप्पणी भी हुई
वहीं इस मामले से
जुड़े कई रोचक बातें भी समय-समय पर सामने आ रही है। शनिवार को इस केस की
सुनवाई कर रहे जज ने लालू को लेकर टिप्पणी की। जज ने कहा कि लालू को काउ
फार्मिंग का अनुभव है इसलिए उनके लिए ओपन जेल ठीक रहेगी।
दो दिन
पूर्व भी रोचक मामला सामने आया था लालू ने जज से कहा था कि जेल में बहुत
ठंड लगती है। इसके जवाब में जज ने कहा था कि जेल में तबला बजाओ, सर्दी
भगाओ।
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