रांची । झारखंड के साहिबगंज में गंगा में पिछले पांच दिन से आई बाढ़ और विकराल रूप ले सकती है। बिहार के कोसी बैराज से शनिवार को 6.81 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंगा का जलस्तर बढ़ना तय है। इसे लेकर साहिबगंज जिला प्रशासन ने दियारा इलाकों में रहने वाली आबादी को अलर्ट किया है। लोगों को तटीय क्षेत्रों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए प्रशासन ने कई नावें उपलब्ध कराई हैं।
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साहिबगंज के उपायुक्त हेमंत सती ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए बाढ़ राहत शिविरों में लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है। साहिबगंज में गंगा नदी में शनिवार सुबह जल स्तर 27.95 मीटर मापा गया था। यह खतरे के निशान से ऊपर है। अब सुपौल में वीरपुर बैराज से अपराह्न 12 बजे पानी छोड़ने के बाद जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि हो सकती है। लोगों से अपील की गई है कि गंगा नदी के पास न जाएं और सुरक्षा के सभी उपाय अपनाएं।
साहिबगंज में 22 सितंबर से ही गंगा में बाढ़ की स्थिति है। राजमहल, उधवा, बड़हरवा और तालझारी प्रखंड के 50 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस आया था और तीन हजार से भी ज्यादा लोगों ने घर छोड़कर आस-पास के इलाकों और शिविरों में शरण ले रखी है। बाढ़ के पानी की वजह से दो लोगों की मौत हुई थी। शुक्रवार को बारिश में कमी आने से जलस्तर में कमी आ रही थी, लेकिन अब कोसी से आ रहे पानी की वजह से चुनौती बड़ी हो गई है।
जिला मुख्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम की ओर से पांच नंबर जारी किये गए हैं, जिनपर किसी भी समय आपात स्थिति में संपर्क किया जा सकता है।
इस बीच बाढ़ का पानी उतरने से साहिबगंज के कई इलाकों में डायरिया का प्रकोप देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग को इसे लेकर अलर्ट किया गया है और प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा के आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया गया है।
--आईएएनएस
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