रांची। झारखंड के 246 सुदूर और दुर्गम गांव अब सौर ऊर्जा की रोशनी से जगमग हो रहे हैं। ये वो गांव हैं, जहां ग्रिड के माध्यम से विद्युतीकरण संभव नहीं हो पाया था। इन गांवों में सोलर पावर प्लॉट और सोलर स्टैंडएलोन सिस्टम के जरिए रोशनी पहुंचायी गयी है। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के मुताबिक इन गांवों के 7740 घरों को सोलर एनर्जी के जरिए बिजली कनेक्शन दिये गये हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
निगम के मुताबिक दुर्गम पहाड़ियों एवं वनों से आच्छादित होने के कारण पारंपरिक ऊर्जा स्रोत से विद्युत आपूर्ति बहाल करना वित्तीय एवं भौगोलिक ²ष्टिकोण से व्यावहारिक नहीं था। ऐसे में इन जगहों पर अक्षय ऊर्जा परियोजना के तहत 100 प्रतिशत सब्सिडी के आधार मिनी ग्रिड अथवा सोलर स्टैंड एलोनहोम लाइटिंग सिस्टम के जरिए बिजली मुहैया करायी गयी है। सरकार ने तय किया है कि इस सिस्टम से जिन घरों को कनेक्शन दिये गये हैं, उन्हें 9 वाट की क्षमता वाली 4 अदद एल.ई.डी. लाइट, एक अदद डीसी पंखा उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही एक मोबाइल चाजिर्ंग प्वाइंट एवं 1 एल.ई.डी. टीवी हेतु उपयुक्त क्षमता के पावर प्वाईंट की व्यवस्था की जायेगी। इसके अतिरिक्त यदि ग्राम में सामुदायिक भवन अथवा विद्यालय उपलब्ध है, तो उसमें भी उपयुक्त क्षमता के अनुसार सोलर स्टैंड सिस्टम के माध्यम से विद्युत आपूर्ति की जायेगी।
प्रत्येक 10 घर की आबादी पर एक अदद 12 वाट एल.ई.डी. सोलर स्ट्रीट लाईट लगाकर गांव की गलियों को रोशन किया जायेगा। घरों की संख्या 50 से अधिक होने और आबादी का घनत्व सघन होने की स्थिति में गांव में मिनी-माइक्रो ग्रिड सोलर पावर प्लांट लगाया जायेगा और तार के माध्यम से प्रत्येक घर में विद्युत आपूर्ति की जायेगी।
--आईएएनएस
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