दुमका। झारखंड विधानसभा चुनाव के अंतिम और पांचवें चरण में 20 दिसंबर को 16 सीटों पर मतदान होना है। सबकी नजर राज्य की उपराजधानी दुमका सीट पर बनी हुई है। दुमका सीट पर भाजपा की प्रत्याशी और मंत्री लुइस मरांडी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बीच सीधा मुकाबला है, लेकिन झाविमो प्रत्याशी अंजूला मुर्मू के मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार भी लगाए जा रहे हैं।
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उपराजधानी होने के कारण दुमका का राजनीतिक महत्व भी है। झारखंड को तीन मुख्यमंत्री, दो उपमुख्यमंत्री और तीन मंत्री देने वाले इस दुमका पर सभी दलों की नजर है। इस सीट के महत्व का अंदाजा इसी से लग सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र को भी यहां आकर भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगने पड़े। झारखंड राज्य अलग करने के आंदोलन का केंद्र रहे दुमका के सांसद रहे बाबूलाल मरांडी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे, जबकि यहीं के सांसद शिबू सोरेन और बाद में हेमंत सोरेन भी मुख्यमंत्री बन चुके हैं।
इस चुनाव में वैसे तो 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला झामुमो के हेमंत सोरेन और भाजपा की लुइस मरांडी के बीच माना जा रहा है। झामुमो का गढ़ माने जाने वाले दुमका में भाजपा ने 2014 के चुनाव में लुइस मरांडी को मैदान में उतारकर तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पराजित कर झामुमो के गढ़ में सेंधमारी करने में सफल रही थी।
इस वर्ष के लोकसभा चुनाव में झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन को हराकर भाजपा झामुमो के गढ़ को ध्वस्त कर चुकी है। एक बार फिर लुइस मरांडी और हेमंत सोरेन, दोनों आमने-सामने हैं। मुख्यमंत्री रघुवर दास और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। इस चुनाव में शुरू से ही भाजपा की नजर संथाल परगना पर रही है।
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