यात्री ट्रेन के साथ मालगाडी का भी परिचालन बंद होगा। डीसी रेल
लाइन में 17 कोल साइडिंग हैं, जहां से लगभग प्रतिमाह 300 से ज्यादा रैक
कोयला उठता है और देश के विभिन्न हिस्सों में जाता है। इससे रेलवे को
प्रतिवर्ष लगभग 2500 करोड रुपया से ज्यादा का राजस्व प्राप्त होता है। 17
साइडिंग में सबसे ज्यादा सेंद्रा बांसजोड कोलियरी साइडिंग, सिजुआ कोलियरी
साइडिंग, खास कुसुंडा कोलियरी साइडिंग, कुसुंडा साइडिंग, कतरासगढ कोलियरी
साइडिंग से ज्यादा लोडिंग होती है। वहीं अंगारपथरा, बरोरा, दुग्धा कोल
वाशरी, जोगता, नोर्थ गोविंदपुर, साउथ गोविंदपुर साइडिंग से भी लोडिंग होती
है। ये भी पढ़ें - अजब गजबः यहां शिवलिंग पर हर साल गिरती है बिजली
भूमिगत खदानों को ध्यान में रखते हुए धनबाद-चंद्रपुरा रेल
मार्ग पर कॉशन के साथ ट्रेनों का परिचालन होता है। धनबाद से चंद्रपुरा की
दूरी 34 किलो मीटर है। कॉशन के कारण 34 किमी का सफर तय करने में एक से दो
घंटा लग जाता है। इस मार्ग पर कोई भी ट्रेन 40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से
नहीं चलती। इस रूट पर ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दी गयी थी। अमूमन इस
मार्ग पर ट्रेन 17 किमी प्रतिघंटा से लेकर 30 किमी प्रति घंटा की रफ्तार
से ही चलती है। धनबाद से भाया गोमो होते हुए चंद्रपुरा की दूरी 47 किलो
मीटर है।
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