मैं कुछ समय से एक महिला सामूहिक बनाने के बारे में विचार कर रही थी, जब
मैं सुबरीन और कुछ अन्य महिलाओं से मिली, जो मेरी ही तरह का विचार कर रही
थीं, तो आखिरकार मैंने इसे शुरू कर दिया। जम्मू एवं कश्मीर महिला आयोग के
अनुसार, आयोग को 2014 में 142, 2015 में 155 और 2016 में 177 शिकायतें
मिलीं। इसी साल कश्मीर में 60 दिनों के लिए कफ्र्यू लगा हुआ था। साल 2017
में अकेले कुल 335 मामले सामने आए।
इसमें से 277 कश्मीर क्षेत्र के और 58
मामले जम्मू क्षेत्र के थे। सभी मामलों में से लगभग 95 फीसदी मामले वैवाहिक
विवादों से संबंधित रहे, जिनमें झगड़ा करना, गाली-गलौज करना, तलाक देना,
बच्चों को अपने पास रखने को लेकर मामले शामिल हैं। केडब्ल्यूसी की अन्य
संस्थापक सदस्य सुबरीन मलिक लगभग एक दशक से वकालत कर रही हैं। उनका ध्यान
महिलाओं के खिलाफ घरेलू दुव्र्यवहार और भेदभाव के मामलों पर है। वह
ज्यादातर मामलों में केस लडऩे के लिए कोई शुल्क नहीं लेती हैं।
(IANS)
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