श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आज बड़ा राजनीति घटनाक्रम हुआ। पहले पीडीपी ने सरकार बनाने के लिए पत्र लिखा। इसके थोडी देर बाद ही राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर की विधानसभा भंग कर दी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग कर दी है। इस पर नेशनल कॉन्फेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम छह महीने से विधानसभा भंग करने की मांग कर रहे थे लेकिन जब वापस गठबंधन बनाकर वापिस सरकार बनाने की बात हुई तो राज्यपाल ने एक षडयंत्रपूर्ण जम्मू-कश्मीर की विधानसभा भंग कर दी गई है।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन पूरा होने की तारीख अगले माह पूरी होने वाली है। इसको ध्यान में रखकर प्रदेश में नई सरकार बनाने को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। सज्जाद लोन की पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के गठजोड़ के बाद अब नया गठजोड़ बनता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच सरकार बनाने को लेकर बातचीत प्रारंभ हो गई है। इस घटना पर भाजपा ने बताया कि यह कोशिश पाकिस्तान प्रायोजित है। जम्मू-कश्मीर में पीडीपी ने पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। पीडीपी ने बताया है कि उनको नेशनल नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। पीडीपी ने दावा किया है कि उनको 56 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन को लेकर पीडीपी में असंतोष पनप गया है। पीडीपी के विधायक इमरान अंसारी ने कहा कि हम भी राज्यपाल को पत्र लिखकर अलग सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। भाजपा के नेता कवींद गुप्ता ने कहा कि महबूबा के निर्णय के बाद पीडीपी में बगावत हो गई है।
इससे पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता अल्ताफ बुखारी ने बुधवार को कहा
कि जम्मू एवं कश्मीर की जनता को राज्य में सरकार गठन पर जल्द ही 'अच्छी
खबर' मिलेगी।
बुखारी ने संवाददाताओं से कहा कि जल्द ही अच्छी खबर आ सकती है क्योंकि
पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने धर्मनिरपेक्ष गठबंधन बनाने का
निर्णय लिया है। इससे पहले बुखारी ने सरकार गठन के लिए नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की थी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी.ए. मीर ने कहा
कि कांग्रेस सिर्फ
जम्मू एवं कश्मीर में नहीं बल्कि पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
के विचारों को हराने के लिए धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करने के लिए काम
कर रही है।
पीडीपी के करीबी सूत्रों ने कहा कि तीनों पार्टियों के
नेताओं के बुधवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलकर सरकार
बनाने का दावा पेश दिया है। सूत्रों ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।
पीडीपी
नेता व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए
अनिच्छा जाहिर करने के बाद इस पद के लिए पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी
दावेदार बनकर उभरे हैं।
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