नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस समारोह करीब आते ही नियंत्रण रेखा (LOC) के पार अपने लांच पैडों के चारों तरफ फैला पाकिस्तान (Pakistan) स्थित आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद (JEM) और लश्कर-ए-तैयबा (LTE) के आत्मघाती दस्तों का बड़ा समूह घाटी में घुसपैठ करके जम्मू-कश्मीर में फिदायीन हमले को अंजाम देने की ताक में है। यह खुलासा खुफिया ब्यूरो के उच्च सूत्रों ने किया है।
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पिछले दो सप्ताह से एलओसी पर सीमापार से गोलाबारी के बीच कथित तौर पर आत्मघाती दस्तों के छोटे-छोटे समूहों ने दक्षिण कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में घुसपैठ की है। सूत्रों ने बताया कि काफी समय के बाद परिष्कृत हथियारों से लैस पुराने तालिबानी सिपाही एलओसी के करीब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में जेईएम में शामिल हुए हैं और वे भारतीय ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश में हैं।
सेना द्वारा प्रशिक्षित फिदायीन की घाटी में घुसपैठ से नई दिल्ली में शीर्ष सुरक्षा संगठन में खतरे की घंटी बज चुकी है। जमीनी हालात की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों का एक दल पिछले सप्ताह कूच किया। एनएसए की समीक्षा रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने श्रीनगर समेत घाटी में अर्धसौनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती की है।
सुरक्षा संगठन के सूत्रों के बताया कि अमरनाथ यात्रा समय से पहले बंद करना और घाटी से घरेलू व विदेशी पर्यटकों को निकालना जेईएम और एलईटी की साजिश के मद्देनजर उठाए गए सुरक्षा के कदमों का हिस्सा हिस्सा है।
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