श्रीनगर। सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) लेफ्टिनेंट जनरल, वाई. के. जोशी ने सोमवार को कहा कि नव-नियुक्त आतंकियों को अपनी गलतियों को स्वीकार करना चाहिए और मुख्यधारा में लौटना चाहिए। उत्तरी कश्मीर के गांदरबल जिले के मानसबल लेक पार्क में एक समारोह को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने कहा, "हम उग्र आतंकवाद विरोधी अभियानों के बीच भी आत्मसमर्पण की सुविधा के लिए तैयार हैं।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, "सेना जान बचाने के लिए है, जान लेने के लिए नहीं।"
नए भर्ती हुए आतंकियों या आतंकवादियों के सहयोगियों से उन्होंने कहा कि जो युवा उग्रवादी गलतियों को स्वीकार कर मुख्यधारा में शामिल होने को तैयार हैं, उनका खुले दिल से स्वागत किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सेना 23 लड़कों की घर वापसी की 23वीं वर्षगांठ मना रही है, जिन्हें हथियार उठाने के लिए मजबूर किया गया था, लेकिन सेना ने गुरेज सेक्टर में उन्हें बचा लिया और बाद में उनके परिवारों को सौंप दिया।
सेना के शीर्ष पदों में से एक पर काबिज जोशी ने कहा, "आज, मुझे खुशी है कि ये 23 लोग अपने परिवार के साथ घर वापस खुशहाल जीवन जी रहे हैं।"
सेना कमांडर ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में, वे युवा और नव-नियुक्त उग्रवादियों के परिवारों को अपने प्रियजनों से बंदूक की संस्कृति और हिंसा के चक्र को छोड़ने की अपील करते हुए देख रहे हैं।
उन्होंने कहा, "यह वास्तव में दिल दहला देने वाला है। हम आत्मसमर्पण सुनिश्चित करने और तलाशने के लिए सभी प्रयास करते हैं। हम चाहते हैं कि युवा मुख्यधारा में लौटकर शांतिपूर्ण जीवन जीएं।"
जीओसी-इन-सी ने कहा कि सेना आतंकवाद विरोधी अभियानों का संचालन करते हुए और न्यूनतम क्षति सुनिश्चित करते हुए मानवाधिकारों की रक्षा को बहुत महत्व देती है।
--आईएएनएस
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