श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक भीषण फिदायिन हमले में सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हो गए और कई अन्य बुरी तरह घायल हो गए। जैश का मुखिया आतंकी मसूद अजहर ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। जिस गाड़ी से जवानों के काफिले पर हमला किया गया उसमें करीब 200 किलो से अधिक विस्फोटक मौजूद था। इसके बाद देश में आक्रोश है। वहीं, जम्मू में कश्मीर घाटी में आतंकवादी हमले के खिलाफ प्रदर्शन कर रही भीड़ के हिंसक होने के बाद जम्मू शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। प्रशासन ने शहर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है जबकि फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड कनेक्शन की गति को धीमा कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने कुछ वाहनों में आग लगा दी और कई अन्य वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। जिलाधिकारी रमेश कुमार ने कहा कि कानून व व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पुलिस ने किया आंसू गैस का इस्तेमाल...
पुलिस ने कहा कि हिंसा शहर के गुज्जर नगर इलाके से शुरू हुई। पुलिस ने हालात को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया और लाठीचार्ज किया लेकिन इसके बाद कर्फ्यू लागू कर दिया गया। शुरुआत में गुज्जर नगर, तालाब खटिकन, जनीपुर, बख्शी नगर, चेन्नी हिमत, बस स्टैंड व पुराने शहर के कुछ दूसरे इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया और बाद में पूरे जम्मू में लागू कर दिया गया।
असामाजिक तत्वों से बचने की अपील की गई...
गुज्जर नगर की हिंसा की खबर के फैलने से शहर के दूसरे 'संवेदनशील इलाकों' में भी तनाव फैल गया। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, 'लोगों को शांति बनाए रखने व असामाजिक तत्वों के हाथों की कठपुतली नहीं बनने की सलाह दी गई है। असामाजिक तत्व अपने नापाक उद्देश्यों के लिए स्थिति का फायदा उठाना चाहते हैं।'
जम्मू बंद का आह्वान...
पुलवामा में गुरुवार को आत्मघाती हमले में शहीद 42 सीआरपीएफ जवानों में एक की पहचान राज्य के राजौरी जिले के नसीर अहमद के रूप में हुई है। जम्मू चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जेसीसीआई) ने शुक्रवार को बंद व प्रदर्शन का आह्वान किया। नेशनल कांफ्रेंस, जम्मू ट्रांस्पोर्टर्स एसोसिएशन व बार एसोसिएशन ने बंद का समर्थन किया है।
78 वाहनों के काफिले पर हुआ हमला...
जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी, जिसमें 42 जवान शहीद हो गए। यह 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे।
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