श्रीनगर। आर्मी चीफ बिपिन रावत ने बुधवार को कहा है कि राज्यपाल शासन लागू होने के बावजूद सेना के ऑपरेशन पहले की तरह चलते रहेंगे। उन्होंने कहा, हमने सिर्फ रमजान के दौरान (जम्मू-कश्मीर में) अपने ऑपरेशन रोके थे, लेकिन हमने देखा कि क्या हुआ। राज्यपाल शासन से हमारे ऑपरेशनों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सेना किसी तरह के राजनैतिक हस्तक्षेप का सामना नहीं करती। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शहीद औरंगजेब के परिजनों से की मुलाकात
इससे पहले सोमवार को सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर के अग्रिम इलाकों का दौरा किया था और सीमा क्षेत्र में एवं आंतरिक इलाकों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान वे शहीद जवान औरंगजेब के परिजनों से भी मिले। इस दौरान उन्होंने कहा कि शहीद औरंगजेब की कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी और भारतीय सेना जल्द ही इसका बदला लेगी।
आपको बता दें कि मंगलवार को पीडीपी और बीजेपी की गठबंधन वाली सरकार के गिरने के बाद बुधवार को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यहां राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर में अगले छह महीने तक राज्यपाल शासन की घोषणा हुई है।
कई जगह आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू
रमजान के दौरान सीजफायर खत्म होते ही सेना ने दक्षिण कश्मीर में कई जगह आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू कर दिए है। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के त्राल में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में 3 आतंकी मारे गए है। मारे गए आतंकवादियों में जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर भी शामिल है। वहीं सोमवार को भी बांदीपुरा जिले में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में दो आतंकवादी ढेर हुए थे।
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