श्रीनगर। पाकिस्तान में बुधवार को हो रहे आम चुनावों में जम्मू एवं कश्मीर के लोग खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। कश्मीरी चुनाव की पल-पल की खबरों के लिए अपने टीवी सेट के आगे सुबह से ही बैठे हुए हैं। बीते सप्ताह घाटी में जिला मजिस्ट्रेटों ने पाकिस्तान और हिंदुस्तान से बाहर अन्य जगहों के 30 टेलीविजन चैनल का प्रसारण बंद करने का आदेश दिया था, जिससे लोगों में निराशा थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बैंक के सेवानिवृत्त अधिकारी मंजूर अहमद (62) ने कहा, ‘‘इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि पाकिस्तान के घटनाक्रमों से कश्मीर प्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान की एक स्थिर राजनीतिक सरकार कश्मीर में शांति के लिए भारत के साथ अर्थपूर्ण रूप से जुडक़र काम कर सकती है।’’ घाटी के विभिन्न स्थानों के लोगों ने पाकिस्तान चुनावों में गहरी रुचि दिखाई है लेकिन एक जगह है जहां अटकलों और भविष्यवाणियों का दौरा बेहद गर्म है और वह है श्रीनगर का पुराना शहर क्षेत्र।
पारंपरिक रूप से कश्मीर घाटी के इस क्षेत्र में अलगाववादी भावनाएं सबसे अधिक देखी जाती हैं। इस समय श्रीनगर शहर के लोग पाकिस्तान में लोकतंत्र के भविष्य पर चर्चा में लगे हुए हैं। पुराने शहर इलाके के एक दुकानदार अब्दुल सलाम (57) ने कहा, ‘‘हम सभी का मानना है कि पाकिस्तान की सेना वहां सबसे मजबूत संस्था है लेकिन सबसे मजबूत तानाशाही लोकतंत्रों की सबसे कमजोर कड़ी का भी विकल्प नहीं बन सकती हैं।’’
यहां तक कि युवा जो कभी राजनीति में कोई विशेष रुचि नहीं दिखाते है, वह भी पाकिस्तान में लोकतंत्र के भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। विश्वविद्यालय के एक छात्र सुहेल (25) ने कहते हैं, ‘‘मुझे कोई संदेह नहीं है कि अगर लोकतांत्रिक सरकार आ जाती है तो भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता के लिए एक खिडक़ी खुल जाएगी।’’
--आईएएनएस
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