हम 16 अगस्त से ही धीरे-धीरे पाबंदियां हटाने लगे और सितंबर का पहला हफ्ता
आते-आते ज्यादातर बैन खत्म कर दिए गए। 8 से 10 थाना क्षेत्रों के अलावा
लोगों की आम गतिविधियों पर लगी पाबंदियां बिल्कुल हटाई जा चुकी हैं। अब
राज्य में फिर से सैलानियों का स्वागत है। हम उनकी यात्रा को मंगलमय बनाने
को प्रतिबद्ध है।
इंटरनेट सुविधाएं बहाल की जा रही हैं। पाबंदियां लगाने से
एक भी व्यक्ति आतंकवाद का शिकार नहीं हुआ। हालांकि राज्य के लोगों में डर
पैदा करने के लिए आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने की सीमा पार की कोशिशें बढ़
गई हैं। हमलों के पीछे मकसद सिर्फ जान-माल की क्षति पहुंचाना नहीं होता है
बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों में भय का माहौल बनाना भी होता है जहां कि
ज्यादातर आबादी शांतिप्रिय है।
लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल
मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन डराने की लगातार कोशिश कर रहे
हैं। इसी आशंका में कुछ पाबंदियां लगाई गईं ताकि बाहर से सहायता प्राप्त
आतंकवाद में लोगों की जानें नहीं जा पाएं। सभी पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं
14 अक्टूबर दोपहर 12 बजे से बहाल कर दी जाएंगी।
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