श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना के अधिकारियों ने गुरुवार को विदेशी राजनयिकों के 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी। सरकारी सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल को कट्टरता से निपटने के लिए किए गए उपायों, समुदायों को अपने साथ जोड़ने और आतंकवादियों को हिंसा बंद करके सरेंडर करने के लिए प्रेरित करने संबंधी तमाम कदमों की जानकारी दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सूत्र ने कहा, "प्रतिनिधिमंडल को जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद और घुसपैठ को प्रोत्साहित करने और प्रायोजित करने की पाकिस्तान की लगातार कोशिशों के बारे में भी बताया गया। साथ ही कोविड प्रतिबंधों के कारण पैदा हुई समस्याओं को दूर करने के लिए भी सुरक्षा बलों ने कई कदम उठाए हैं, ताकि लोगों को कम से कम असुविधा हो।"
इसमें यह भी बताया गया कि किस तरह पाकिस्तान ने हथियार भेजने के लिए ड्रोन और भूमिगत सुरंगों का उपयोग किया। साथ ही धारा 370 हटने के बाद के सुरक्षा माहौल को लेकर भी जानकारी दी गई। इस दौरान कानून और व्यवस्था की स्थिति से निपटने के दौरान एक भी मौत नहीं हुई। वहीं 44 आर्मी स्कूलों का संचालन भी कर रही हैं, जिनमें अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों में खासी उत्सुकता है।
यह प्रतिनिधिमंडल उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से जम्मू में मुलाकात करेगा। जम्मू-कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा के दौरान यह प्रतिनिधिमंडल जम्मू में कुछ सामाजिक, राजनीतिक और मीडिया के लोगों से भी मुलाकात करेगा।
--आईएएनएस
अजीत डोभाल की सुरक्षा में चूक के मामले में सीआईएसएफ के 3 कमांडो बर्खास्त
चार्जशीट में खुलासा- जैकलीन के साथ आमने-सामने के दौरान चंद्रशेखर को याद नहीं थी कई बातें
पंजाब सरकार ने फसल अवशेष मशीनों के वितरण में घोटाले के जांच के दिये आदेश
Daily Horoscope