गंदेरबल। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी पर उसके शासन वाले राज्यों में मुसलमानों को दबाने का आरोप लगाया।
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उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के घरों और दुकानों पर रोज बुलडोजर चलाए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है, जहां इसे गैरकानूनी बताया गया है। यूपी में हमारे मस्जिदों-मदरसों पर ताले लगाए जा रहे हैं। असम में भाजपा की हुकूमत में हर बार मुसलमानों को जलील करने की कोशिश की जाती है। मुसलमान जब इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं, जब मुसलमानों का जनसैलाब आता है, तो उन्हें जिहादी कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार मुसलमानों को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा, "कर्नाटक में जब भाजपा की हुकूमत होती है, तब हमारी मां-बहनों को कहा जाता है कि पहले हिजाब उतारो फिर स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय में जाओ। हमें वैसी ताकत से जम्मू कश्मीर को बचाना है जो यहां भी वैसी हालात पैदा करना चाहते हैं, जो हमारी आवाज को दबाना चाहते हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इसका मकसद सिर्फ यह है कि वह 10-15 सीटें जीतकर भाजपा की झोली में डालें। इन निर्दलीय उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने का सारा बंदोबस्त भाजपा से हो रहा है। हमें इन ताकतों से बचना होगा।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में मतदान तीन चरणों में होंगे, पहले चरण के लिए मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण के लिए 25 सितंबर और अंतिम चरण के लिए 1 अक्टूबर को होगा। चुनाव परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं। इनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है जबकि कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
--आईएएनएस
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