नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा इस बार 1 जुलाई को मासिक शिवरात्रि के अवसर पर शुरू हुई। इसके लिए रोजाना हजारों के जत्थे रवाना हो रहे हैं। बम-बम भोले के जयकारों के साथ श्रद्धालु भक्ति में डूबकर यात्रा का मजा उठा रहे हैं। यात्रा का समापन श्रावण पूर्णिमा यानी 15 अगस्त को होगा। भक्तजन अपनी यात्रा श्रीनगर और पहलगाम से शुरू करते हैं और वे अमरनाथ गुफा जाकर ठहरते हैं। गुफा श्रीनगर से करीब 141 किलोमीटर दूर 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यात्रा हर साल लाखों लोगों को आकर्षित करती है। आम तौर पर इसका समय जुलाई-अगस्त में श्रावणी मेले के दौरान होता है। हिंदू धर्म में इस स्थान को सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। भगवान शिव ने अमरनाथ गुफा का चयन देवी पार्वती को संसार की रचना और अमरता संबंधी रहस्यों का खुलासा करने के लिए किया था।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अनुसार पिछले साल 2 लाख 85 हजार 6 लोगों ने भोले बाबा के दर्शन किए थे। बोर्ड ही अमरनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी संभालता है। श्रद्धालुओं को यात्रा के लिए राज्य प्रशासन के समक्ष औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं। यात्रा के लिए भारी सुरक्षा बंदोबस्त होते हैं। लखनपुर से कश्मीर घाटी और बालटाल व पहलगाम सहित अन्य रूट पर यात्रा शुरू होने के 15 दिन पहले ही सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया जाता है।
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