राजौरी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के प्रचार अभियान की कमान संभाल ली है। गृह मंत्री ने आज (रविवार) जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा में एक जनसभा को संबोधित किया। अमित शाह के दौरे से पहले वहां हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए। इस दौरान वहां मौजूद कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने नारे लगाए और अमित शाह के आगमन पर खुशी जताई।
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वहां मौजूद भाजपा कार्यकर्ता सुविंदर सतपाल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि आज हम नौशेरा के इस क्रिकेट मैदान पर इसलिए आए हैं, क्योंकि यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आए हैं। अमित शाह के यहां आने का एकमात्र उद्देश्य जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना को भारी मतों से जिताना है। हम भी उनके समर्थन में जुटे हैं। यह इलाका एलओसी के पास है। सीमा से दूर-दूर से लोग अमित शाह का स्वागत करने यहां आए हैं।
वहीं, एक अन्य महिला समर्थक ने कहा कि हम पूर्व विधायक रविंदर रैना के समर्थन में अमित शाह की रैली में आए हैं। उन्होंने यहां के लोगों के लिए बहुत काम किया है। इसलिए माताएं-बहनें दूर-दूर से उनका समर्थन करने यहां आई हैं। माताएं-बहनें अमित शाह और रविंदर रैना की रैली को लेकर बहुत उत्साहित हैं।
नुक्कड़ नाटक टीम के प्रमुख ने कहा, "मैं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को मतदान के लिए जागरूक करता हूं। यह बहुत खुशी की बात है कि अमित शाह नौशेरा आए हैं। रविंदर रैना को यहां सभी का समर्थन मिल रहा है, क्योंकि उन्होंने यहां बहुत काम किया है। इसलिए मैं भी जम्मू से उन्हें सुनने आया हूं। मैं यहां का स्थानीय नहीं हूं। मैं अपनी पूरी टीम के साथ आया हूं। अब मुझे लगता है कि रविंदर रैना के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि यहां आने के बाद मैं देख रहा हूं कि उन्हें पहले से ही बहुत समर्थन मिल रहा है।"
नौशेरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "फारूक अब्दुल्ला कहते हैं कि वे अनुच्छेद 370 को वापस लाएंगे। उन्होंने कहा, फारूक साहब, अनुच्छेद 370 अब कभी वापस नहीं आ सकता। अब, यहां बंकरों की जरूरत नहीं है, क्योंकि कोई भी गोली चलाने की हिम्मत नहीं कर सकता।"
उन्होंने कहा, "अगर गोली आई, तो गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में केवल हमारा तिरंगा लहराएगा। शाह ने कहा कि वो चाहते हैं कि हम पाकिस्तान के साथ बातचीत करें, लेकिन हम आतंकवाद के खत्म होने तक पाकिस्तान के साथ बातचीत के पक्ष में नहीं हैं। वे आतंकवादियों को जेलों से रिहा करना चाहते हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंकवाद को बहुत गहरे दफना दिया है। कोई भी आतंकवादी या पत्थरबाज जेल से रिहा नहीं होगा।"
--आईएएनएस
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