जम्मू। जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में कथित तीन पत्थरबाजों की मौत के मामले में पुलिस कार्रवाई का सामना कर रहे मेजर आदित्य पर अब महबूबा सरकार का रुख नरम नजर आ रहा है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान कश्मीर की महबूबा सरकार ने यू-टर्न लेते हुए कहा है कि शोपियां फायरिंग मामले में सेना के जवानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में मेजर आदित्य कुमार का नाम नहीं है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 गढ़वाल राइफल्स के मेजर आदित्य के खिलाफ अगली सुनवाई तक किसी तरह की जांच पर रोक लगा दी है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल निश्चित की है। इस बीच जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मेजर आदित्य कुमार का नाम आरोपियों के कॉलम में शामिल नहीं है।
आपको बता दें कि इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर के शोपियां में हुई गोलीबारी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 10 गढ़वाल राइफल्स के मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी थी। कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकारों को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब मांगा था लेकिन अब सरकार के जवाब से मामले में नया मोड़ आ गया है।
कोर्ट के फैसले के बाद वकील ऐश्वर्या भारती ने कहा, इसे बड़ी राहत नहीं कहा जा सकता क्योंकि ने अंतरिम आदेश को ही संशोधित किया है कि एफआईआर के तहत जांच नहीं होगी। खास यह है कि अटॉर्नी जनरल के जरिए केंद्र सरकार पूरी तरह से भारतीय सेना के समर्थन में खड़ी है।
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शोपियां फायरिंग मामले में मेजर आदित्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। मेजर आदित्य के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर सिंह (रिटायर्ड) ने सेना के खिलाफ एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। करमवीर सिंह का कहना है कि निर्णय कोर्ट द्वारा लिया गया है इसलिए मैं इस पर कोई कमेंट नहीं कर सकता।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने 24 अप्रैल तक शोपियां गोलीबारी मामले में जांच के साथ इसमें मेजर आदित्य की भूमिका या कमी की जांच पर भी रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मेजर आदित्य एक आर्मी अफसर हैं और उनके साथ साधारण अपराधियों की तरह व्यवहार नहीं किया जा सकता। यद्यपि सरकार के कोर्ट में यह कहने के बावजूद कि मेजर का नाम आरोपियों में शामिल नहीं है, कोर्ट ने कहा कि मेजर आदित्य का नाम एफआईआर के सार में है इसलिए उन्हें किसी भी समय इसमें शामिल किया जा सकता है।
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