जम्मू। पीडीपी के एक विधायक और जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व शासक महाराजा हरि सिंह के पोते विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे में उन्होंने कहा है कि उस पार्टी का हिस्सा बने रहना अब संभव नहीं है जो जम्मू क्षेत्र की आकांक्षाओं की उपेक्षा करती हो। विक्रमादित्य सिंह ने द्विसदनीय विधानमंडल के उच्च सदन विधान परिषद से त्यागपत्र देने के फैसले की भी घोषणा की है। विक्रमादित्य सिंह के पिता करण सिंह कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं। सिंह ने मीडिया को बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को एक खुला पत्र लिखा है जिसमें जम्मू मुद्दे पर उनके और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच उभरे गंभीर मतभेदों को दर्शाया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि जम्मू के लोगों की मांग है कि पूर्व डोगरा महाराजा हरि सिंह की याद में 23 सितंबर को राज्य अवकाश घोषित किया जाए। साथ ही स्कूली पाठ्य पुस्तकों में डोगरा शासन की अवधि का समावेश और जम्मू में रोहिंग्या लोगों को बसाने का मुद्दा जम्मू के लोगों के दिलों के करीब है और भावनात्मक रुप से जुड़ा हुआ है। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसा लगता है कि पीडीपी के सदस्य के रूप में कार्य जारी रखना मेरे लिए नैतिक रूप से सही नहीं होगा। इसलिए मैं पार्टी से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।’’ सिंह ने कहा कि उन्होंने इस बारे में विधान परिषद अध्यक्ष को भी लिखा है और उनसे आग्रह किया है कि वह मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।
उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि भारत के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू एवं कश्मीर में क्षेत्रीय विभाजन की खाई बढ़ रही है, जिससे उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे को हल कर पाटा जा सकता है। सिंह ने कहा कि उन्होंने पीडीपी के वरिष्ठ नेताओं को मुद्दों को हल करने के लिए लिखा था लेकिन किसी ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा, ‘‘ महबूबा मुफ्ती पूरे राज्य की प्रमुख हैं न कि एक क्षेत्र की।’’
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