नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में स्थाई नागरिकता की परिभाषा तय करने वाले आर्टिकल 35 ए को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 8 हफ़्ते के लिए टल गई है। इस मामले में अटॉनी जनरल ने कहा कि सरकार ने जम्मू कश्मीर में विभिन्न पक्षों से बातचीत के लिए वार्ताकार नियुक्त किया है। अटॉनी जनरल ने कोर्ट से इस मामले में सुनवाई छह महीने तक टालने का आग्रह भी किया था। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 35 ए को रद्द करने को लेकर दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई थी। लेकिन, अब सुनवाई 8 हफ्ते के लिए टल गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इधर, अनुच्छेद 35 ए पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के मद्देनजर कश्मीर घाटी के कई इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। घाटी में सोमवार को हिंसक प्रदर्शनों की आशंकाओं के मद्देनजर श्रीनगर समेत दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। साथ ही सुरक्षा एजेंसियों की ओर से अधिकारियों को हालातों पर पूरी नजर बनाए रखने के निर्देश जारी किए गए। आपको बता दें कि हुर्रियत कांफ्रेंस ने मंगलवार को खुली चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर फैसला खिलाफत में आया तो घाटी में बगावत की स्थिति बन जाएगी।
याचिका के पक्ष में फैसला आने पर अलगाववादियों ने लोगों से सडक़ों पर उतरने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सूची के विषय से छेड़छाड़ फिलिस्तीन जैसी स्थिति पैदा करेगा। अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक और मोहम्मद यासिन मलिक ने कहा था कि यदि सुप्रीम कोर्ट राज्य के लोगों के हितों और आकांक्षा के खिलाफ कोई फैसला देता है तो लोग जनआंदोलन शुरू करें। यह विषय सुप्रीम कोर्ट के सामने सुनवाई के लिए आने वाला है। यह आर्टिकल जम्मू-कश्मीर के स्थायी बाशिंदों के विशेष अधिकारों से संबद्ध है।
क्या है अनुच्छेद 35ए
मुख्तार अंसारी की मौत : पूर्वांचल के चार जिलों में अलर्ट, बांदा में भी बढ़ी सुरक्षा, जेल में अचानक बिगड़ी थी तबीयत
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope