ऊना। छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी में चैत्र मास के नवरात्रों का आगाज विधिवत पूजा-अर्चना और हवन यज्ञ के साथ हुआ। हालांकि प्रथम नवरात्र पर उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं उमड़ी, बावजूद इसके हजारों श्रद्धालु मां के दरबार में नतमस्तक हुए। दोपहर बाद तक मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का आना जारी रहा। प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं चाकचौबंद रहीं। प्रथम नवरात्र पर मंदिर के कपाट सुबह चार बजे खोल दिए गए। मंदिर अधिकारी सरोज कुमारी शर्मा के नेतृत्व में विधिवत पूजा अर्चना शुरु हुई। पावन पिंडी को ताजा फूलों से सजाने के उपरांत हवन भी डाला गया। नवरात्र पूजन के उपरांत श्रद्वालुओं ने माता की पावन पिंडी के दर्शन किए और मां का आर्शीवाद लिया। ज्यूं ज्यूं दिन निकलता गया, चिंतपूर्णी क्षेत्र माता के जयकारों से गूंजता चला गया। कई श्रद्धालु भरवाईं से माता के दरबार तक लेट-लेटकर पहुंचे। ऐसे श्रद्वालुओं को पंक्ति में खड़े होने या दर्शन पर्ची लेने से छूट दी गई है। देर शाम तक मंदिर में श्रद्वालुओं का आना जारी रहा। नवरात्र के दौरान मंदिर को फूलों से सजाया गया है। सुरक्षा के साथ साथ श्रद्वालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन की ओर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
बस स्टैंड से आगे चार पहिया वाहन ले जाने पर पूर्णतया रोक लगाई गई है। दर्शन पर्ची स्टॉल से माता मंदिर तक पुलिस, होमगार्ड व मंदिर न्यास के सुरक्षा गार्ड श्रद्वालुओं का मार्ग दर्शन करने में सहायता दे रहे हैं। मंदिर अधिकारी सरोज कुमारी शर्मा कहती हैं कि श्रद्वालुओं की आमद के हिसाब से मंदिर के खुलने और बंद होने का समय तय होगा। उन्होंने कहा कि आने वालें दिनों में अधिक संख्या में श्रद्वालु पहुंचने की संभावना है। इस दौरान जरूरत पडऩे पर 12 बजे के बाद मंदिर के कपाट खोले जा सकते हैं और रात के समय अंतिम श्रद्धालु के दर्शन करने तक कपाट खुले रखे जाएंगे।
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