योजना के तहत जब हिमाचल के सभी परिवारों
के पास रसोई गैस की सुविधा होगी तो ऐसा करने वाला हिमाचल, देश का पहला
राज्य बन जाएगा। प्रदेश सरकार ने सही लाभार्थी तक हिमाचल गृहिणी सुविधा
योजना के लाभ पहुंचाने के लिए कुछ शर्तें भी निर्धारित की हैं। जिन
परिवारों के पास अपना घरेलू रसोई गैस कुनैक्शन अथवा केन्द्र या राज्य सरकार
की कल्याण योजना के तहत प्रदत्त गैस कुनैक्शन है उन्हें इस योजना के दायरे
से बाहर रखा गया है। ये भी पढ़ें - अजब गजबः यहां शिवलिंग पर हर साल गिरती है बिजली
ऐसे परिवारों को हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना
के तहत गैस कुनैक्शन प्रदान नहीं किया जाता जिनके परिवार से कोई सदस्य
सरकारी, अर्धसरकारी, निगम, बोर्ड अथवा किसी स्वायत्त संस्थान में कार्यरत
हों। ऐसे परिवारों को भी इस योजना के अंतर्गत गैस कुनैक्शन नहीं दिए जा रहे
हैं जिनके परिवार से कोई सदस्य केन्द्र अथवा प्रदेश सरकार तथा सरकार
द्वारा शासित बोर्डों, निकायों, निगमों अथवा बैंक इत्यादि से पैंशन प्राप्त
कर रहा हो। सामाजिक सुरक्षा पैंशन प्राप्त कर रहे लाभार्थी इस शर्त के
दायरे से बाहर हैं। हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के तहत पात्र परिवारों का
चयन संबंधित ग्राम पंचायत अथवा शहरी निकाय द्वारा प्राप्त आवेदन पर ही किया
जा रहा है।
इस योजना ने महिलाओं के समय में भी बचत की है। अब
महिलाएं ईंधन की लकड़ी काटने के लिए वनों में नहीं जा रही हैं। अपने समय का
उपयोग वे परिवार एवं खेतीबाड़ी के अन्य कार्यों में कर रही हैं। योजना सही
मायनों में सारे गृह की ऋणी अर्थात गृहिणी को संबल प्रदान करने का सशक्त
माध्यम बनकर उभरी है। इस संबंध में सोलन जिला के गांव नेरीकलां की कविता
देवी, गांव चाबल की निम्मो देवी तथा गांव घड़सी की उषा ठाकुर का कहना है कि
हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ऐसी अनूठी पहल है
जिसने न केवल उन्हें धूएं एवं प्रदूषण से मुक्ति दिलाई है अपितु परिवार के
लिए उनके समय को बढ़ाया भी है।
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