शिमला। हिमाचल प्रदेश के बोर्ड एग्जाम का रिजल्ट आया, उससे प्रदेश के सरकारी स्कूलों की पोल खुल गई। हिमाचल के 55 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जिनमें बोर्ड की परीक्षाओं में एक भी बच्चा पास नहीं हुआ। इन 55 स्कूलों में 10+2 के 16 और मैट्रिक स्तर के 39 स्कूल शामिल हैं। 12वीं और 10वीं के वार्षिक परीक्षा परिणाम के बाद जब शिक्षा बोर्ड ने समीक्षा रिपोर्ट तैयार की यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शिक्षा बोर्ड की इस रिपोर्ट से मोटी तनख्वाह पाने वाले शिक्षकों और शिक्षा नीति पर भी सवाल खड़ा हो गया है। शिक्षकों ने अपनी जिम्मेदारी को सरकारी नौकरी की तरह निभाया और सरकार ने कभी यह परखने की काेशिश नहीं कि बच्चे क्या सीख रहे हैं।
जमा दो और दसवीं परीक्षाओं में 396 स्कूलों के 25 फीसदी विद्यार्थी भी पास नहीं हो सके। इसके विपरीत 785 सरकारी स्कूलों में परिणाम सौ फीसदी रहा है।
प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की जमा दो की परीक्षा में कांगड़ा और मंडी से 4-4, बिलासपुर और लाहौल-स्पीति से 3-3, चंबा और सिरमौर से 1-1 स्कूल ऐसा है, जहां एक भी बच्चा पास नहीं हुआ। जमा दो और दसवीं के 396 स्कूलों में मात्र 25 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम रहा है। इनमें जमा दो के 91 और दसवीं के 305 स्कूल शामिल हैं।
जमा दो के 309 स्कूलों में 50 फीसदी, 726 में 80 और 994 स्कूलों में 80 से 100 फीसदी रिजल्ट रहा है। यही हाल दसवीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम का है। इसके अलावा 743 स्कूलों में सिर्फ 50 और 1350 स्कूलों में 80 फीसदी बच्चे पास हुए हैं। 1394 स्कूल ऐसे भी हैं, जहां 80 से 100 फीसदी बच्चे पास हुए हैं।
जमा दो के 336 स्कूलों का सौ फीसदी परीक्षा परिणाम रहा। इसी तरह दसवीं के 449 स्कूलों में भी कोई विद्यार्थी फेल नहीं हुआ है। शिक्षा बोर्ड ने जमा दो के 2120 और दसवीं में 5034 सरकारी स्कूलों में रिजल्ट की समीक्षा रिपोर्ट बनाई है।
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