• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

कौन सी तकनीक के उपयोग से भूमि आधारित मछली पालन शुरू करेगा हिमाचल प्रदेश, यहां पढ़ें

Which technique will Himachal Pradesh start land based fish farming - Shimla News in Hindi

धर्मशाला । हिमाचल प्रदेश वर्ष भर मछली की विभिन्न किस्मों को जुटाने के लिए प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत आरएएस तकनीक का उपयोग कर भूमि आधारित मछली पालन शुरू करेगा। राज्य इस योजना के तहत आरएएस तकनीक का उपयोग करते हुए वर्ष 2020-21 से 2024-25 के बीच 15 मछली तालाब स्थापित करेगा।
मछली किसानों के पहले बैच को आरएएस प्रौद्योगिकी का उपयोग करके ठंडे पानी की मछली पालन के तहत नवीनतम एक्वाकल्चर तकनीकों में प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद भेजा जाएगा।
आरएएस तकनीक मछली की खेती करने का एक नया तरीका है, जिसके अंतर्गत पानी के जलाशयों, खुले टैंकों, तालाबों और नदियों में मछली पालन की पारंपरिक विधि के बजाय नियंत्रित वातावरण में पानी के सीमित उपयोग के साथ इन्डोर टैंकों में मछलियों को पाला जाता है। स्वच्छ पानी की सीमित मात्रा की नियमित आपूर्ति एक नियंत्रित तापमान पर सुनिश्चित की जाती है जो एक बंद और सुव्यवस्थित प्रणाली में विकास के लिए उचित है। यह विधि गर्मियों में पानी की कमी के दौरान राज्य के मछली किसानों के लिए आदर्श है क्योंकि किसान आरएएस प्रौद्योगिकी का उपयोग करके अंतर्देशीय मत्स्यपालन के माध्यम से पानी के कम उपयोग के साथ अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
कुल 15 मछली फार्मों में से पांच मछली फार्म ऊना, मंडी, कांगड़ा (पालमपुर और पोंग बांध) और सिरमौर जिलों में सामान्य पानी में और दस किन्नौर, सिरमौर, शिमला, मंडी में आरएएस तकनीक के तहत ठंडे पानी के मत्स्य केंद्रों में स्थापित किए जाएंगे। अगले पांच वर्षों के दौरान चंबा और कुल्लू जिलों में एकीकृत और समग्र रूप से राज्य में मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने का लक्ष्य है।
यह अनुमान है कि कुल 40 टन प्रति यूनिट वार्षिक मछली उत्पादन सामान्य आरएएस इकाई में प्राप्त किया जाएगा, जबकि ठंडे पानी के आरएएस में चार टन और 10 टन उत्पादन क्षमता इकाइयां हैं, जो महानगरीय शहरों में ट्राउट मछली की बढ़ती मांग को पूरा करेगा और संबंधित क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार और आर्थिक गतिविधियांें को सृजित करेगा।
मत्स्य मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जब आरएएस प्रौद्योगिकी के तहत सभी 15 मछली फार्मों का संचालन किया जाएगा, राज्य में इस प्रौद्योगिकी के अंतर्गत हर साल लगभग 270 टन मछली का उत्पादन होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इंद्रधनुष ट्राउट को ठंडे पानी के आरएएस में जबकि सामान्य पानी में आरएएस पंगासियस, तिलापिया और काॅमन कार्प को पाला जाएगा।
प्रारंभ में, कुल्लू, मंडी, चंबा, सिरमौर, शिमला, और किन्नौर जिलों में ठंडे पानी के क्षेत्रों में भूमि आधारित मछली फार्म स्थापित किए जाएंगे और जिला कुल्लू और किन्नौर में दो नए मछली फार्म आरएएस प्रौद्योगिकी के दौरान स्थापित किए जाएंगे। अनुमान है कि पीएमएमएसवाई के तहत अगले पांच वर्षों में राज्य में आरएएस प्रौद्योगिकी के तहत नई भूमि आधारित मछली फार्म स्थापित करने के लिए ढांचागत विकास के लिए 5 करोड़ निजी निवेश प्राप्त होगा।
राज्य सरकार आरएएस प्रौद्योगिकी के तहत मछली फार्म स्थापित करने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन प्रदान करेगी, जिसके तहत सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत की दर से वित्तीय सहायता दी जाएगी जबकि अनुसचित जाति एवं जनजाति और महिलाओं को 60 प्रतिशत सहायता प्रदान की जाएगी।
इस पहाड़ी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की स्थलाकृति और भूगोल को ध्यान में रखते हुए पीएमएमएसवाई के तहत 50 लाख रुपये और 20 लाख यूनिट लागत के आरएएस प्रौद्योगिकी मछली फार्म स्थापित करने का प्रस्ताव है। राज्य में मछली को पूरे वर्ष भर पाला जाता है, हालांकि गर्मियों का मससैम मछलियों की वृद्धि के लिए सबसे अनुकूल है। मौसम की स्थितियों के बावजूद आरएएस प्रौद्योगिकी से पूरे वर्ष मछली की वृद्धि को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
आरएएस तकनीक के तहत नए मछली फार्मों से किसानों को पानी के कम इस्तेमाल से साल भर विभिन्न किस्मों की मछलियों के उत्पादन में मदद मिलेगी और साथ ही वे कृषि,घरेलू और सिंचाई के लिए अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग भी कर सकेंगे। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि नियमित रूप से मछली पालन के दौरान तालाबों या टैंकों से पानी को पूरी तरह से पंप करके फेंकने की जरूरत होती है क्योंकि यह विषाक्त अमोनिया से संतृप्त हो जाता है।


ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Which technique will Himachal Pradesh start land based fish farming
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: himachal pradesh news, hp news, himachal news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, shimla news, shimla news in hindi, real time shimla city news, real time news, shimla news khas khabar, shimla news in hindi
Khaskhabar.com Facebook Page:
स्थानीय ख़बरें

हिमाचल प्रदेश से

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved