शिमला। हिमाचल प्रदेश के चुनाव में हुए चुनाव में इस बार वीवीपैट मशीनों के उपयोग में गड़बड़ी सामने आई है। प्रदेश की 68 सीटों पर 9 नवंबर को हुए
मतदान में इनका इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ ही पहली बार की गई वेब कास्टिंग भी फेल हो गई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ईसी का कहना है कि 80
फीसदी मतदान केंद्रों पर वेब कास्टिंग नहीं हो सकी। इसके अलावा 20 फीसदी
स्थानों पर जहां वेब कास्टिंग हुई वहां कैमरे ठीक जगहों पर नहीं लगे थे।
इनमें मतदाता किस प्रत्याशी को मत दे रहा है यह दिख रहा था। इसके अलावा
कैमरे वोटिंग मशीनों के आसपास ही टांग दिए थे। जिस कारण वहां पर वेब सिस्टम
होना नाममात्र ही था। इतना सब होने से चुनाव आयोग की कार्रवाई संदेह के
घेरे में आती हुई नजर आ रही है।
आयोग ने मांगी है पूरी जानकारी
मुख्य चुनाव आयोग ने प्रदेश के निर्वाचन कार्यालय से और जिलों में तैनात
तकनीकी टीमों से वीवीपैट मशीनें खराब होने की पूरी जानकारी मांगी है।
दरअसल, हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों के लिए प्रदेश में 7525 मतदान केंद्र
बनाए गए थे। अब जाकर वीवीपैट मशीनों की खराबी पर चुनाव आयोग हरकत में आता
हुआ नजर आ रहा है।
गोपनीयता हुई उजागर
वीवीपैट के पास लगाए गए कैमरे सही जगह न लग पाने के कारण मतदाताओं की
गोपनीयता भी उजागर हो गई है। वहीं प्रदेश में इस्तेमाल की जारी 11 हजार 50
वीवीपैट मशीनें मतदान दौरान भी दम तोड़ती रहीं। मतदान में 11,283 बैलेट और
9809 कंट्रोल यूनिट स्थापित की गई थी।
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