शिमला, । हिमाचल प्रदेश में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सरकार द्वारा दो साल या उससे अधिक समय से खाली चल रहे पदों को खत्म करने की अधिसूचना पर अपने विचार रखे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयानों में स्पष्ट विरोधाभास है।
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प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जहां अधिसूचना पर सफाई देते हुए कहा कि सरकार ने 20 से अधिक खाली पदों को खत्म कर नए पद सृजित करने की बात की है, वहीं विक्रमादित्य सिंह ने इसे अस्वीकार किया है। उन्होंने अपने फेसबुक हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, "ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। अगर ऐसा हुआ है तो मैं उसे बदलवाने के लिए कैबिनेट में मुद्दा उठाऊंगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि अधिसूचना में कुछ सुधार करने की जरूरत महसूस हुई, तो वह अगली कैबिनेट बैठक में इसे उठाएंगे।"
पत्रकारों से बातचीत करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वित्त विभाग समय-समय पर आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए ऐसी अधिसूचनाएं जारी करता है। अनावश्यक पदों को खत्म करने का निर्णय लिया गया है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस मामले में सनसनी फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर को सही तथ्यों को जनता के सामने रखना चाहिए, क्योंकि वह भी मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री रह चुके हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ पुराने पद अब प्रासंगिक नहीं हैं और तकनीकी विकास के साथ नए पदों की जरूरत है। हम हमेशा युवाओं के हित में खड़े रहे हैं और रहेंगे। अगर कोई भी निर्णय युवाओं के भविष्य को प्रभावित करता है, तो हम इसे गंभीरता से उठाएंगे। जयराम ठाकुर की नीतियों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी बातें करना, जिनका कोई औचित्य नहीं है, दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार का उद्देश्य नौकरियों को कम करना नहीं है, बल्कि आवश्यकतानुसार पदों का पुनर्गठन करना है।
--आईएएनएस
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