शिमला। फर्जी कंप्यूटर डिप्लोमा और सर्टिफिकेट देकर ठगी करने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ अब प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग सख्त रवैया अपनाने के मूड में दिख रहा है। आयोग ने कहा कि वह अपने स्तर पर अभ्यर्थियों के कंप्यूटर डिप्लोमा और सर्टिफिकेट की जांच करवाएगा। अगर किसी संस्थान से प्राप्त फर्जी कंप्यूटर डिप्लोमा और सर्टिफिकेट में गलत तथ्य मिले तो कानूनी कार्रवाई होगी। यहां तक की ऐसे मामले में अभ्यर्थियों के खिलाफ पुलिस में धोखाधड़ी का केस दर्ज होगा और नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा। आयोग ने स्पष्ट किया कि रेगुलर कक्षाएं लगाने और परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों के कंप्यूटर डिप्लोमा सर्टिफिकेट ही मान्य होंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर ने जानकारी देते हुए बताया है कि मान्यता प्राप्त निजी कंप्यूटर शिक्षण संस्थान में रेगुलर कक्षाएं लगाने और परीक्षा देने के बाद कंप्यूटर डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को आयोग ने 7 सितंबर तक अंडरटेकिंग और घोषणा पत्र जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। फर्जी दस्तावेज देने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी।
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