शिमला। प्रजातंत्र की मूल भावना अब समाप्त होने लगी है। राजनीतिक दलों के सदस्यों को मनोनयन के बजाय निर्वाचित होकर आना चाहिए, ताकि प्रजातंत्र की मूल भावना स्थापित रह सके। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विधायक बलवीर वर्मा को इस क्षेत्र का विकास रास नहीं आया और उन्होंने जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर भाजपा से हाथ मिला लिया। यह बात मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने नेरवा में लोगों को संबोधित करते हुए कही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि वे चार बार निर्वाचित होकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक दो माह पूर्व उन्हें अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि चौपाल के विधायक बलवीर वर्मा ने धोखा किया है। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद बलवीर वर्मा उनसे मिले और कांग्रेस का एसोसिएट सदस्य बनने का आग्रह किया। हमने उन्हें नहीं बुलाया था। बाद में बलवीर वर्मा ने चौपाल में हुए विकास का श्रेय खुद को देना शुरू कर दिया और उन पर सिर्फ रामपुर व रोहड़ू क्षेत्रों का विकास करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सभी क्षेत्रों का एक समान विकास करने में विश्वास रखते हैं। वह बांटने वाली राजनीति नहीं करते। पिछले पांच वर्षों में चौपाल विधानसभा क्षेत्र के लिए जो कुछ उन्होंने किया, वह जनता के लिए किया न कि बलवीर वर्मा के लिए।
Politics At Peak : अमेठी में कांग्रेस नेता सुबह भाजपा में गए, शाम को घर वापसी
वोटिंग ऑफर : अंगुली पर लगी नीली स्याही दिखाकर दो दिन 50 प्रतिशत तक की छूट ले सकेंगे मतदाता
भाजपा उम्मीदवारों को जनता समझती है, वोट की चोट से देगी जवाब : दिग्विजय चौटाला
Daily Horoscope