शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को मानसून सत्र के दौरान विपक्ष का हंगामा हुआ। भाजपा ने आबकारी नीति में घोटाले का आरोप लगाते हुए सदन से वॉक आउट किया।
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पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने आबकारी नीति पर कहा, “भाजपा ने सरकार बनते ही ठेकों की नीलामी कराई थी। इसके तहत 11 से 12 फीसदी के बीच फायदा हुआ। मुख्यमंत्री को मालूम होना चाहिए कि बाद में कोविड के कारण आय में कमी दर्ज की गई। लेकिन, मैं उन्हें तथ्यों से अवगत कराना चाहता हूं कि आबकारी नीति में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है।”
उन्होंने हिमाचल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “छोटे यूनिटों से प्रदेश के बहुत सारे युवाओं को रोजगार मिलता है, लेकिन इस सरकार ने इसे भी समाप्त कर दिया। सरकार ने आबकारी नीति बनाने के लिए पहले से ही प्लानिंग कर ली थी। इन्होंने कहा कि बड़े आदमी लाओ, तभी तो रेट में 50 हजार का फर्क है। इससे साफ है कि ये एक बड़ा घोटाला है।”
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “सदन में हमने आबकारी नीति का मुद्दा उठाया था। लेकिन, सीएम ने आंकड़ों को सदन में गलत तरीके से पेश किया। जो दुर्भाग्यपूर्ण है।”
दरअसल, भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने सदन में शराब घोटाले का मामला उठाया। उन्होंने कहा, “आबकारी पॉलिसी मामले में बहुत बड़ी गड़बड़ी हुई, जिसे शराब घोटाला भी कहा जाए तो ऐसा बोलना गलत नहीं होगा। सरकार नई आबकारी नीति लाई, जिसके तहत ठेकों की नीलामी जिलेवार तरीके से की गई। हर साल रिजर्व प्राइज से ज्यादा की बोली लगती है, लेकिन इस बार रिजर्व प्राइज से कम की बोली भी लगी है। यह एक घोटाला है, जिसकी जांच की जानी चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा, “मेरा यह सवाल था कि सरकार जो नई पॉलिसी लाई है। शराब को एमएसपी के तहत बेचा गया, लेकिन पहले एमआरपी के तहत शराब बेची जाती थी। प्रदेश में शराब की बोतलों को 200 से 250 रुपये तक महंगा बेचा गया। इससे जुड़े कई वीडियो भी वायरल हुए। यह एक बड़ा घोटाला है। इस मामले में निष्पक्ष तरीके से जांच होनी चाहिए।”
--आईएएनएस
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