शिमला। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पिति का द्वार विश्व प्रसिद्ध 13050 फुट ऊंचा रोहतांग दर्रा यातायात के लिए बहाल कर दिया गया। इसके बहाल होते ही लाहौल-स्पिति व चंबा जिला का पांगी क्षेत्र शेष विश्व से जुड़ गया। गौरतलब है कि रोहतांग दर्रा भारी बर्फबारी के कारण मध्य दिसम्बर 2018 में यातायात के लिए बंद हो गया था और जनजातीय जिलों का शेष विश्व से सड़क संपर्क पूरी तरह बंद हो गया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए उपायुक्त यूनुस ने बताया कि बहरहाल अभी रोहतांग दर्रे से जनजातीय जिलों को जाने वाले छोटे वाहनों को ही अनुमति प्रदान की गई है। इससे लाहौल-स्पिति तथा पांगी की ओर जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है। लोगों का लंबे समय से रूका आवागमन बहाल होने से निश्चित तौर पर उनमें खुशी और एक नई ऊर्जा उत्पन्न करेगा।
यूनुस ने कहा कि सीमा सड़क संगठन ने मनाली-रोहतांग-केंलग-जिंगजिंगबार सड़क को खोलने में दिन-रात कड़ी मशक्कत की है, इसके लिए वह बधाई और प्रशंसा के पात्र हैं। माईनस 30 डिग्री तक के तापमान में समन्दर तल से 3500 से 4000 मीटर की ऊंचाई पर सड़क खोलने का कार्य करना निश्चित तौर पर चुनौतिपूर्ण है। यह चुनौती और भी मुश्किल हो जाती है जब मौसम अनुकूल न हो। इस बार अभी तक रोहतांग दर्रे पर बर्फबारी हो रही है। रानी नाला तथा रोहतांग पर 10 से 30 फुट तक बर्फ की परत के बीच से सड़क को बहाल किया गया है, यह सचमुच साहसिक एवं अद्वितीय प्रयास है। यूनुस ने सीमा सड़क संगठन के तमाम अधिकारियों व मजदूरों को बधाई देते हुए कहा कि वास्तव में यह कार्य मानवता की सेवा से जुड़ा है जो लाहौल तथा पांगी घाटी आने-जाने वाले लाखांे स्थानीय लोगों तथा प्रवासी मजदूरों व कर्मचारियों को बड़ी राहत प्रदान करेगा।
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