शिमला। भारत सरकार ने वर्ष 2015 से खेत में पानी की पहुंच का सही उपयोग बढ़ाने के लिए और सुनिश्चित सिंचाई के तहत कृषि क्षेत्र का विस्तार करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को आरंभ किया है। प्रत्येक वर्ष की तरह विभिन्न विभागों द्वारा दिये गये योजना प्रस्तावों की स्वीकृति के लिए मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल, की अध्यक्षता में मंगलवार को एक राज्य स्तरीय स्वीकृत कमेटी की बैठक हुई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए प्रधान सचिव कृषि ओंकार चन्द शर्मा ने बताया कि वर्ष 2019-20 के लिए कुल 896.23 करोड़ रुपये की परियोजनाऐं प्रस्तावित हैं जिसमें 791.95 करोड़ रुपये भारत सरकार व 87.99 करोड़ प्रदेश सरकार से 90ः10 के रुप में अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किये।
कमेटी के उपाध्यक्ष ओंकार चन्द शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रदेश में कृषि क्षेत्र की उच्च विकास के लिए एक प्रमुख योजना है। इस योजना में प्रति बूंद अधिक फसल का उत्पादन करके ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि लाने का लक्षय है। इस योजना के अंतर्गत सिंचाई में निवेश में एकरुपता लाना, हर खेत को पानी के तहत कृषि योग्य क्षेत्र का विस्तार करने के लिए खेतों में ही जल को इस्तेमाल करने की दक्षता को बढ़ाना ताकि पानी के दुरुपयोग को कम किया जा सके, सही सिंचाई व पानी को बचाने की तकनीक को अपनाना आदि इस योजना के मुख्य उद्देश्य हैं। योजना में विभिन्न विभाग जैसे कृषि, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, बागवानी विभाग व पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग समयबद्ध तरीके से योजनाओं का कार्यान्वयन कर रहे है।
आम चुनाव-2024 : राजस्थान में 12 सीटों पर कम हुआ मतदान, बीजेपी में बेचैनी बढ़ी, 25 में से 25 सीटें जीतना मुश्किल
भाजपा ने जारी किया वीडियो, कहा- भारत के दुश्मन नहीं चाहते कि मोदी वापस आएं, लेकिन जनता ने 400 पार का बनाया मन
पाकिस्तान में बारिश का कहर, 87 लोगों की मौत, 80 से ज्यादा घायल
Daily Horoscope