राज्यपाल ने कहा कि पदमश्री सुभाष पालेकर द्वारा किसानों को
प्राकृतिक कृषि के तौर पर विकल्प दिया है। पिछले 10 वर्षों से वह स्वयं भी
इस पद्धति को गुरुकुल कुरुक्षेत्र के कृषि फार्म में अपना रहे हैं। विभिन्न
विश्वविद्यालय में जांच के बाद अब ये सिद्ध हो चुका है कि प्राकृतिक कृषि
से ही किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है। ये भी पढ़ें - अजब गजबः यहां शिवलिंग पर हर साल गिरती है बिजली
हिमाचल प्रदेश सरकार ने
प्राकृतिक कृषि को पूर्ण रूप से अपनाया है और हजारों किसान इसे कर रहे है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक हिमाचल को देश का कृषि राज्य बनाने का लक्ष्य
रखा गया है। इससे पूर्व, महात्मा फुले विद्यापीठ के कुलपति डॉ. के. पी.
विश्वनाथ ने राज्यपाल का स्वागत किया।
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