शिमला । मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यहां राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा आयोजित राज्य ऋण सेमीनार 2019-20 की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बैंकों को चिन्हित क्षमता आधारित योजनाओं को वित्तपोषित कर निवेश ऋण में सुधार करने के लिए और अधिक ध्यान केन्द्रित करना चाहिए, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और सरकार के वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए हरित खाद, फसलों का चक्रिकरण और मिश्रित फसल के माध्यम से स्थायी कृषि प्रथाओं के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए वर्ष 2019-20 के लिए कुल बैंक ऋण 23,631 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की योजना के 22,389 करोड़ रुपये की तुलना में 5.6 प्रतिशत अधिक है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि नाबार्ड का हिमाचल प्रदेश में विशेषकर ग्रामीण विकास, कृषि, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है और नाबार्ड राज्य के कृषक समुदाय की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था। उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह सराहनीय कार्य कर रहे हैं और सरकार इन गैर सरकारी संगठनों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की 90 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों के कल्याण के बिना विकास के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रीन हाउस निर्माण के लिए अनुदान राशि को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया है जबकि एंटी हेल गन के लिए 60 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नाबार्ड द्वारा तैयार किए गए ‘स्टेट फोकस पेपर 2019-20’ का भी विमोचन किया। उन्होंने ’निहारिका’ पत्रिका का विमोचन भी किया और विभिन्न सहायता समूहों व संगठनों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित भी किया।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक रणबीर सिंह ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा नाबार्ड की विभिन्न गतिविधियों बारे विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 के लिए राज्य का मुख्य ध्यान राज्य में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में समग्र विकास के लिए एक समक्ष कार्यान्वयन राज्य ऋण योजना को रणनीतिक बनाने के लिए क्षेत्रीय विश्लेषण के साथ-साथ भौतिक और वित्तीय योग्यता के संदर्भ में संभावनाएं मौजूद है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन परियोजना को सोलन जिले में भी लागू किया जा रहा है और बैंक अपने उत्पादों के विपणन के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को हर संभव मदद भी प्रदान कर रहा है। उन्होंने बैंकों के साथ सभी सहकारी समितियों को जोड़ने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
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