शिमला। संजोली मस्जिद के बाहर हुए विवाद पर कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने पार्षदों और पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि वे इस मुद्दे पर राजनीति और शिमला की शांति को भंग न करें।
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सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए, जनारथा ने कहा कि यह विवाद मल्याणा क्षेत्र में दो गुटों के आपसी झगड़े का परिणाम है, जिसे जानबूझकर संजोली में बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि दो क्षेत्रों के पार्षद इस झगड़े को संजोली में लेकर आए हैं और इसे हिंदू-मुस्लिम विवाद का रूप देने की कोशिश की जा रही है।
जनारथा ने स्पष्ट किया कि मस्जिद का मामला कोर्ट में चल रहा है। यह शिमला की शांति को खतरे में डाल रहा है। उन्होंने बताया कि विवाद में शामिल अधिकांश लोग भट्टाकुफ्फ़र और मल्याणा क्षेत्र से थे, और कुछ कांग्रेस के पार्षद भी इसमें शामिल थे। जनारथा ने कहा कि इस विवाद को शिमला विधानसभा क्षेत्र में क्यों उठाया जा रहा है, यह समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि पार्षदों के बयान से किसी चीज को वैध या अवैध नहीं ठहराया जा सकता, और यह मामला कोर्ट में है। जनारथा ने कहा कि सभी जन प्रतिनिधियों को अपने-अपने क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए और अपने क्षेत्रों को संभालना चाहिए। मुख्यमंत्री ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी।
बता दें, शिमला के संजोली मस्जिद के बाहर हुए युवक के साथ मारपीट की घटना के मामले में कुछ लोगों ने मस्जिद का घेराव किया और नारेबाजी की थी।
स्थानीय लोगों ने मस्जिद को अवैध बताते हुए इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके बाद स्थिति पर काबू पाने के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके पहुंचे थे।
--आईएएनएस
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