शिमला। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सोमवार को नया अध्यक्ष चुने गए जगत प्रकाश नड्डा यानी जे.पी. नड्डा की जड़ें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और इसके अनुषांगिक संगठनों से जुड़ी हैं। नड्डा (59) ने अपने संरक्षक और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का स्थान लिया है। नड्डा अभी तक भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष थे। भाजपा नेताओं का मानना है कि नड्डा ने अपनी सहजता और संगठनात्मक कौशल के जरिए राष्ट्रीय राजनीति में जगह बनाने की कोशिश की। वह हिमाचल प्रदेश से आते हैं, जहां से लोकसभा की 543 सीटों में से केवल चार सीटें हैं। इसके बाद भी वह 2014 की मोदी सरकार में मंत्री रहे। वह पर्यावरण, स्वास्थ्य और कानून मंत्रालय संभाल चुके हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ता के तौर पर की, और उन्होंने अपने कौशल के जरिए विश्वविद्यालय से लेकर राज्य की राजनीति तक में पैठ बनाने में कामयाबी हासिल की। राष्ट्रीय राजनीति में उनका प्रवेश वर्ष 2010 में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष नितिन गडकरी के कार्यकाल के दौरान उस वक्त हुआ, जब गडकरी ने उन्हें अपनी नई टीम में स्थान दिया। वह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए।
नड्डा का जन्म दो दिसंबर, 1960 को बिहार के पटना में हुआ। जेपी नड्डा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिहार में आरंभ की और बाद में उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान और विधायी कानून में स्नातक (एलएलबी) की डिग्री हासिल की। 1978 में एबीवीपी के छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करते हुए नड्डा ने 1991 से 1994 तक पार्टी की युवा शाखा 'भारतीय युवा मोर्चा' में भी गडकरी और शाह के साथ काम किया था।
उनकी पत्नी मल्लिका नड्डा भी एबीवीपी की कार्यकर्ता रही हैं। वह भी वर्ष 1988 से 1999 तक एबीवीपी की राष्ट्रीय महासचिव रहीं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में इतिहास की शिक्षक मल्लिका वर्तमान में विश्वविद्यालय के दिल्ली परिसर में कार्यरत हैं।
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