नई दिल्ली/ शिमला | निर्वाचन आयोग ने
हिमाचल प्रदेश और गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (मुख्य कार्यकारी
अधिकारियों) को सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपैट मशीनों के अनिवार्य उपयोग के
लिए विस्तृत निर्देश भेजे हैं और हिमाचल में होनेवाले विधानसभा
चुनावों में पेपर स्लिप की गिनती के निर्देश दिए हैं।
चुनाव आयोग ने सीईओ को निर्देश दिया है कि सभी मतदान केंद्रों पर मतदाता
सत्यापन कागज ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनों के उपयोग के अलावा (पॉयलट आधार
पर) प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में रैंडम आधार पर चुने गए मतदान केंद्रों
पर पेपर स्लिप का सत्यापन करना अनिवार्य होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पिछले हफ्ते मुख्य
कार्यकारी अधिकारियों को भेजे गए अपने विस्तृत निदेशरें में चुनाव आयोग ने
कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में दर्ज किए गए मतों की गिनती
के आखिरी दौर के बाद पेपर स्लिप का सत्यापन किया जाएगा।
सीईओ को
भेजे पत्र में कहा गया, "संबंधित रिटर्निग अधिकारी द्वारा उम्मीदवारों या
उनके प्रतिनिधियों और चुनाव आयोग द्वारा उस निर्वाचन क्षेत्र के लिए
नियुक्त सामान्य पर्यवेक्षक की मौजूदगी में रैंडम आधार पर ड्रॉ द्वारा किसी
एक मतदान केंद्र का चयन किया जाएगा।"
इसमें कहा गया है कि ईवीएम
से मतदान के आखिरी दौर की समाप्ति के तुरंत बाद यह ड्रॉ किया जाएगा। साथ ही
उम्मीदवारों या उनके एजेंटों को रिटर्निग ऑफिसर द्वारा के ड्रा के संबंध
में 'अग्रिम रूप से अच्छी तरह से' सूचित करना होगा।
चुनाव आयोग के
निदेशरें में कहा गया है कि वीवीपीएटी पेपर की ऑडिट 'वीवीपैट गिनती बूथ'
में की जाएगी, जिसे मतगणना हॉल के अंदर विशेष रूप से तैयार किया जाएगा,
जहां वीवीपैट स्लिप तक अनाधिकृत व्यक्ति की पहुंच नहीं होगी।
इसमें कहा गया है कि रिटर्निग ऑफिसर को वीवीपैट पेपर स्लिप की गिनती का मतगणना केंद्र पर 'व्यक्तिगत रूप से पर्यवेक्षण' करना होगा।
आईएएनएस
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