शिमला। हिमाचल प्रदेश के नए मंत्रिमंडल में पुराने और नए चेहरों का मिश्रण होगा, जिसकी अध्यक्षता एक नए और ‘युवा’ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर करेंगे। इस संदर्भमें खुद ठाकुर ने संकेत दिया है। विधानसभा में भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद संवाददाताओं से अपनी पहली बातचीत में उन्होंने बताया, ‘‘मंत्रिमंडल में अनुभवी और नए दोनों चेहरे होंगे।’’ ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ठाकुर ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता कानून व्यवस्था बनाना, वीआईपी संस्कृति से हटकर कार्य करना, पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा पिछले तीन महीनों में लिए गए सभी फैसलों की समीक्षा, व्यर्थ व्यय को कम करना और पर्यटन के बुनियादी ढांचे को विकसित करना होगी।
जमीनी स्तर से जुड़े पांच बार के विधायक ठाकुर को उनकी विनम्रता के लिए जाना जाता है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में 27 दिसम्बर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे। करीब 10 मुख्यमंत्रियों ने समारोह में आने की पुष्टि कर दी है।
नड्डा के विश्वासपात्रों में से एक ठाकुर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में शामिल साथियों के नामों और कैबिनेट मंत्रियों की संख्या के बारे में बोलने से इंकार कर दिया। उन्होंने इस बारे में प्रतिक्रिया करने से इंकार कर दिया कि उनके कैबिनेट साथी उनके साथ शपथ लेंगे या नहीं।
उनके 11 सदस्यीय मंत्रिमंडल में नए मंत्री, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजीव बिंदल, किशन कपूर, सरवीन चौधरी, मोहिंदर सिंह, कांग्रेस के बागी अनिल शर्मा, नरींद्र ब्रागता और रमेश धवाला हो सकते हैं। इसके अलावा मंत्रिमंडल के नए चेहरों में गोबिंद ठाकुर, विक्रम जरयाल, राकेश पठानिया और राजीव शहजल के होने की संभावना है।
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