शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सोमवार को राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार स्वीकार कर ली। वीरभद्र ने यहां मीडिया से कहा कि वे अपनी पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हैं। उन्होंने जनादेश को स्पष्ट रूप से स्वीकार करते हुए कहा कि किसी को विजयी बनाना जनता का निर्णय है। यह उसका अधिकार है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र ने प्रचार अभियान में कमी के लिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को दोषी ठहराया। उन्होंने 6,051 वोटों के अंतर से अर्की सीट पर जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि जो भी त्रुटि रही हो, मैंने अपने संसाधनों के भीतर राज्य में अकेले प्रचार किया और अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। वीरभद्र ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर दोष लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि चुनाव उनके नेतृत्व में हुआ और वे हार स्वीकार करते हैं। उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने शिमला (ग्रामीण) सीट से विधानसभा चुनाव में अपनी पहली जीत हासिल की है।
कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री सुधीर शर्मा, ठाकुर सिंह और प्रकाश चौधरी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा 68 में से 36 सीटों पर बढ़त बनाकर सत्ता में आती दिख रही है। पार्टी ने 21 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है। मतगणना अभी भी जारी है। हालांकि, भाजपा के राज्य अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा है।
-आईएएनएस
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