शिमला। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित भारत की सबसे कठिन यात्राओं में से एक श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान गुजरात के एक तीर्थयात्री की हृदयाघात से मौत हो गई। पत्नी और बेटे के साथ यहां आए राजेंद्र कुमार (55) की हृदयाघात से मौत हो गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एक चट्टान निर्मित शिवलिंग श्रीखंड महादेव जाने के लिए रविवार को सिंघड़ आधार शिविर से पहला जत्था रवाना किया गया था। तीर्थयात्रा में 30 किलोमीटर के दुर्गम मार्ग से पैदल गुजरना होता है।
17,600 फुट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव की चोटी पर जाने के लिए किसी तीर्थयात्री को बिना स्वास्थ्य परीक्षण के जाने की अनुमति नहीं है।
सुरक्षा की दृष्टि से तीर्थयात्रियों को यात्रा शुरू करने से पहले अपना नाम पुलिस थाने में पंजीकृत कराना पड़ता है।
तीर्थयात्री शिमला से लगभग 150 किलोमीटर दूर स्थित जाओं से अपनी यात्रा शुरू करते हैं।
तीर्थयात्री ऊबड़-खाबड़, ठंडे और दुर्गम मार्ग पर लगभग तीन दिन की पैदल यात्रा पूरी करने के बाद श्रीखंड महादेव चोटी पर पहुंचते हैं और फिर 72 फुट ऊंचे शिवलिंग की पूजा करते हैं।
यात्रा आधिकारिक रूप से 31 जुलाई तक जारी रहेगी। प्रशासन ने लगभग 20,000 तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद जताई है।
मान्यता है कि भगवान शिव ने श्रीखंड में ध्यान लगाया था तथा पांडव भी अपने अज्ञातवास के दौरान यहां आए थे।
--आईएएनएस
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