शिमला। हिमाचल विधानसभा का बजट अधिवेशन शुक्रवार को 17 बैठकें पूरी होने के बाद अचानक अनिश्तिकाल के लिए स्थगित हो गया। कार्यसूची के अनुसार बजट सत्र के दौरान 21 बैठकें होनी थीं। लेकिन शुक्रवार को सदन अचानक स्थगित कर दिया गया। अनिश्चित स्थगन के लिए संसदीय कार्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रस्ताव पेश किया, लेकिन विपक्ष की ओर से विधायक रविंद्र रवि ने इसका विरोध किया और सवाल उठाया कि बजट अधिवेशन को अचानक स्थगित करने को लेकर क्या दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अपील खारिज किए जाने से कोई संबंध है ? इस पर स्पीकर बृज बिहारी लाल बुटेल ने कहा कि स्थगन का अदालत से कोई संबंध नहीं है, जिसके बाद सतादल ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया और बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
बाद में विपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने विधानसभा परिसर मेें आयोजित पत्रकार सम्मेलन में बजट अधिवेशन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने पर हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि पहले यह फैसला हुआ था कि सदन की बैठक 5, 6 और 7 अप्रैल को भी होगी तथा ससंदीय मामलों के मंत्री ने भी इसका स्वागत किया था। भाजपा के मुख्य सचेतक सुरेश भारद्वाज भी इस बैठक में उपस्थिति थे, लेकिन आज सतापक्ष ने बहुमत का लाभ उठाते हुए सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। धूमल ने कहा कि ऐसा लगता है कि सताधारी दल अपनी फजीहत के डर से सदन का सामना करने से बच रही है। उन्होंने कहा कि कुछ और मुददे भी हैं, जिनसे सरकार भागना चाहती हैं।धूमल ने कहा कि विपक्ष की ओर से विधानसभा को समय से पहले स्थगित करने और सरकार द्वारा किसी भी चर्चा का सामना न करने का मुददा आगामी जल्दी होने वाले विधानसभा चुनावों में एक मुददा बनाया जाएगा।
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