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सरकार नालागढ़ में बनने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क का तेजी से कर रही कार्य : नरेश चौहान

Government is doing fast work of medical device park to be constructed in Nalagarh: Naresh Chauhan - Shimla News in Hindi

शिमला। मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार जिला सोलन के नालागढ़ में बनने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क का कार्य तेजी से कर रही है। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा द्वारा प्रदेश सरकार पर मेडिकल डिवाइस पार्क पर ताला लगाने और भ्रष्टाचार जैसे गम्भीर आरोपों को निराधार और हास्यास्पद बताया। नरेश चौहान ने कहा कि पिछले दस वर्षों से जगत प्रकाश नड्डा भाजपा और केन्द्रीय सरकार में महत्त्वपूर्ण पदों पर हैं, जिसकी सभी को खुशी है क्योंकि छोटे पहाड़ी क्षेत्र से कम ही लोगों को इस स्तर पर पहुंचने के अवसर मिलते हैं। लेकिन इस बात का खेद है कि इसके बावजूद आज हिमाचल में एक भी ऐसी बड़ी परियोजना या कार्य हमारे सामने नहीं है जिनका श्रेय हम जगत प्रकाश नड्डा या केंद्र सरकार को दे पाएं। उन्होंने कहा कि नड्डा राष्ट्रीय स्तर के बहुत बड़े नेता हैं और उन्हें बिना समझ और तथ्यों के बात करना शोभा नहीं देता।
नरेश चौहान ने केंद्रीय मंत्री को नसीहत दी कि वह अपने पद की गरिमा को बनाए रखें और बीबीएनडी में फंसे धन, जल विद्युत परियोजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी, आपदा पूर्व अवश्यकता आकलन का पैसा और एनपीएस जैसे प्रदेश हित के अनेक मुद्दों पर खुले दिल से हिमाचल की सहायता करें।

मेडिकल डिवाइस पार्क परियोजना को बंद करने और भ्रष्टाचार के निराधार आरोपों पर जगत प्रकाश नड्डा को घेरते हुए नरेश चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार नाम लेकर बताए कि हिमाचल सरकार में कौन भ्रष्ट है। वह तथ्यहीन बयानबाजी अवश्य कर सकते हैं लेकिन प्रमाण नहीं दे सकते क्योंकि हमारी सरकार पिछले अढाई वर्षों से पूर्ण पारदर्शिता से कार्य कर रही है और जवाबदेही जनता के समक्ष सुनिश्चित कर रही है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कभी भी किसी भी मुद्दे पर प्रदेश हित से समझौता नहीं किया जबकि पूर्व सरकार ने मेडिकल डिवाइस पार्क से लेकर अनेक परियोजनाओं में निजी स्वार्थ के चलते प्रदेश के हितों को नीलाम किया। इस पार्क के निर्माण से हिमाचल को किसी भी प्रकार का नुकसान और प्रदेश के हित सुरक्षित रहें, इसी सोच से राज्य सरकार ने पार्क के लिए केंद्र से प्राप्त 25 करोड़ रुपये ब्याज सहित वापिस लौटाए हैं तथा 300 करोड़ इस परियोजना को स्वयं पूरा करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार की ओर से 100 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता का प्रावधान था जिसके साथ कई शर्तें थीं, जिनसे राज्य के संसाधनों का नुकसान होता। राज्य सरकार केंद्र का पैसा वापस नहीं लौटाती, तो उसे उद्योगपतियों को एक रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से भूमि देनी पड़ती। लगभग 300 एकड़ भूमि मात्र 12 लाख रुपये में उद्योगपतियों को देनी पड़ती, जिसकी असल कीमत लगभग 500 करोड़ रुपये है।

मेडिकल डिवाइस पार्क की अन्य शर्तों में उद्योगपतियों को तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली प्रदान का प्रावधान था जबकि राज्य सरकार स्वयं सात रुपये की दर से बिजली बाज़ार से खरीदती है। इसके अलावा पानी, रख-रखाव तथा गोदाम की सुविधा दस वर्षों तक बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराने की शर्त भी केंद्र सरकार ने लगा रखी थी। इस पर राज्य सरकार के करोड़ों रुपये बर्बाद होते। इस पार्क के निर्माण से जीएसटी भी हिमाचल को नहीं मिलना था, क्योंकि जीएसटी उस प्रदेश को मिलता है, जहां उपकरण की बिक्री होती है। केंद्र की शर्तों के अनुसार स्टेट जीएसटी में 10 वर्षों के लिए 70 प्रतिशत छूट का प्रावधान भी था, जिससे प्रदेश की संपदा को भारी नुकसान होता। ये शर्तें किसी भी तरह प्रदेश के लोगों के हित में नहीं थी।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस मेडिकल डिवाइस पार्क में 130 करोड़ रुपये के कार्य प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे है। पानी पहुंचाने का कार्य अंतिम चरण में है, बिजली का काम प्रगति पर है, साईट ड्वैलपमेंट, सड़क निर्माण सहित अधोसंरचना विकास के कार्य तीव गति से चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पार्क में राज्य सरकार विश्व स्तर की सुविधाएं प्रदान करेगी और इसमें निवेशक भी आएंगे लेकिन भाजपा की तरह प्रदेश हित से समझौता नहीं होने देंगे। 300 एकड़ जमीन को मार्केट वैल्यू पर देंगे और प्रत्येक निर्णय प्रदेश व जनता के हितों को सर्वोपरि रखकर लिए जाएंगे।

नरेश चौहान ने कहा कि भारत के प्रत्येक राज्य से कर के रूप में जो पैसा इक्ट्ठा होता है वह केंद्र के पास जाता है और प्रत्येक माह राज्यों को इसमें से हिस्सा मिलता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 में हिमाचल को 10,600 करोड़ रुपये कर में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में प्राप्त हुए, राजस्व घाटा अनुदान राशि भी हिमाचल को मिली और एनडीआरएफ द्वारा दो किश्तों में आपदा की तैयारी के लिए हिमाचल को केंद्र से वित्तीय सहायता प्राप्त हुई। यह राशि जा मिली वह हिमाचल का हक था खैरात नहीं, लेकिन जगत प्रकाश नड्डा इस राशि को ऐसे गिना गए जैसे केंद्र सरकार ने हिमाचल को पैसा देकर विशेष रूप से सहायता की हो।

नरेश चौहान ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को हिमाचल के लिए बड़ी परियोजनाएं आरम्भ करने और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए। ओछी और निराधार ब्यानबाजी के लिए भाजपा की पूरी फौज हिमाचल में भरी पड़ी है जो पिछले ढाई वर्षों से दिन-रात हिमाचल के विकास को रोकने का प्रयास कर रही है।

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