शिमला । किसान संगठनों और सेब
उत्पादकों ने संयुक्त किसान मंच (एसकेएम) के बैनर तले हिमाचल प्रदेश में कई
जगहों पर प्रदर्शन किया और सेब की पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले
बॉक्स पर जीएसटी दर में कटौती की मांग की।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा किसानों और बागवानों खासकर सेब
उत्पादकों की उपेक्षा से 5500 करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था पर संकट खड़ा हो
गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सेब उत्पादकों ने बुधवार को रोहड़ू, ठियोग, कोटखाई,
नारकंडा, रामपुर, निरमंड, आनी, किन्नौर, मंडी और शिमला में रसायन आधारित
कवकनाशी, कीटनाशकों और उर्वरकों पर सब्सिडी बहाल करने की मांग करते हुए
प्रदर्शन किया।
एसकेएम ने 5 अगस्त को राज्य सचिवालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।
किसान संगठन ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की नीतियों के कारण किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है।
उन्होंने
कश्मीर की तर्ज पर सेब के लिए एमआईएस योजना को लागू करने की भी मांग की,
जिसमें ग्रेड ए के लिए 60 रुपये, ग्रेड बी के लिए 44 रुपये और ग्रेड सी के
लिए 24 रुपये अधिक खरीद मूल्य है।
किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, आंदोलन जारी रहेगा।
--आईएएनएस
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