शिमला । कई दिनों तक हुई बर्फबारी के बाद शनिवार को मौसम साफ होने पर बचावकर्मियों ने हिमाचल प्रदेश में तिब्बत सीमा के पास अपने तलाशी अभियान को तेज कर दिया जहां इस सप्ताह की शुरुआत में हिमस्खलन में एक सैनिक की मौत हो गई और पांच अन्य लापता हो गए। अधिकारियों को संदेह है कि बर्फ में फंसे लोगों के बचने की संभावना कम है क्योंकि तलाशी अभियान चौथे दिन में प्रवेश कर गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने बताया, "तलाशी अभियान सुबह शुरू हुआ और हम आशान्वित हैं।"
डोगरा स्काउट्स के पर्वतारोही तथा थर्मल रडार सहित विशेष उपकरण तलाशी अभियान में तैनात किए गए हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि तेज रफ्तार हवाओं, ताजा बर्फबारी और खराब दृश्यता ने बचाव कार्य को बुरी तरह बाधित हुआ।
हिमस्खलन 20 फरवरी को उस समय हुआ जब तिब्बत सीमा से लगे नामगिया डोगरी के पास ग्लेशियर फिसल गया। इसमें जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स के छह सैनिक दब गए। उस समय 16 सैनिक एक नियमित गश्त पर थे।
एक सैनिक का शव बाद में मिला। इस घटना में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के पांच जवान भी घायल हो गए।
राज्य सरकार ने कहा कि जब हिमस्खलन हुआ, उस समय सेना और आईटीबीपी के दो अलग-अलग दल नामगिया डोगरी में गश्त कर रहे थे।
मरने वाले सैनिक की पहचान 41 वर्षीय राकेश कुमार के रूप में हुई है, जो हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के रहने वाले थे। उनके पार्थिव शरीर को शुक्रवार को उनके पैतृक गांव भेज दिया गया।
इस बीच, किन्नौर (एनएच-5) में पूह और करचम के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर चट्टान गिरने और हिमपात के कारण आवाजाही बाधित रही।
अधिकारियों ने कहा कि सीमा सड़क संगठन की शाखा जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (जीआरईएफ) को सड़क को साफ करने के लिए तैनात किया गया है।
राज्य की राजधानी से करीब 350 किमी दूर स्थित आपदा स्थल पर पिछले कुछ दिनों से भारी बर्फबारी हो रही है।
--आईएएनएस
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