इस शहर के रहने वाले शर्मा ने कहा कि डायरेक्टरेट जनरल मिलिट्री
ट्रेनिंग (डीजीएमटी) और एआरटीआरएसी के विलय के बाद आवास की कमी प्रस्तावित
स्थानांतरण की वजह है।
वास्तव में, जुतोग छावनी में पर्याप्त संरचना मौजूद है।
कांग्रेस
के राज्यसभा सांसद ने कहा, "इन बड़े संस्थानों को शिमला से मेरठ
स्थानांतरित किए जाने से राजकोष पर सैकड़ों करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार
पड़ेगा और इससे कोई फायदा नहीं होगा।"
शर्मा ने रक्षा मंत्रालय से स्थानांतरण रद्द करने का आग्रह करते हुए कहा कि इसका राज्य और शिमला पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
हिमाचल
प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्षी कांग्रेस के सवाल का जवाब
देते हुए 14 फरवरी को कहा था कि वह एआरटीआरएसी के कथित स्थानांतरण का विरोध
करते हैं और यह मामला केंद्र के समक्ष उठाएंगे।
--आईएएनएस
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