शिमला। मुख्यमंत्री
श्री वीरभद्र सिंह ने रविवार को यहां चूड़ेश्वर सेवा समिति,
चूड़धार की 16वीं वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता
की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक महत्वपूर्ण तीर्थगमन रहा है,
जहां वर्षभर लाखों श्रद्धालु शक्तिपीठ तथा अन्य धार्मिक स्थलों का
भ्रमण करते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के समस्त धार्मिक स्थलों में
बेहतर व आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है ताकि श्रद्धालु इन स्थानों
में सहजतापूर्वक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि चूड़धार को एक आदर्श तीर्थ केन्द्र के
रूप में विकसित किया जाएगा और यहां सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चूड़धार हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड के लोगों
की आस्था का एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। इन राज्यों के सभी भागों से लोग यहां
देवता शिरगुल महाराज की पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि चूड़धार को
मौजूदा दोनों ओर के रास्तों को सड़कों से जोड़ा जाएगा ताकि मंदिर में दोनों ओर से
आने वाले श्रद्धालु आसानी से यहां पहुंच सके।
श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि महत्वपूर्ण धार्मिक केन्द्रों में
प्राथमिकता के आधार पर बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। उन्होंने चूड़धार आने
वाले श्रद्धालुओं के लिए खाने-पीने व ठहरने की व्यवस्था तथा अन्य सुविधाएं मुहैया
करवाने के लिए चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रयासों की सराहना की।
चूड़ेश्वर सेवा समिति के सलाहकार एन.सी. चौहान ने मुख्यमंत्री का
स्वागत करते हुए चूड़ेश्वर समिति के कार्यकलापों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि
समिति चूड़धार के लिए सम्पर्क मार्गों की सफाई तथा पर्यावरण संरक्षण बारे जागरूकता
उत्पन्न करने के लिये अभियान चलाएगी।
मुख्य संसदीय सचिव श्री विनय कुमार, हिमफेड के
अध्यक्ष श्री अजय बहादुर सिंह, रोजगार सृजन एवं संसाधन सृजन
के उपाध्यक्ष श्री हर्षवर्धन चौहान, जिला कांग्रेस समिति के
अध्यक्ष श्री अजय सोलंकी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी बैठक में उपस्थित थे।
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