आपको बता दें कि वीरभद्र सिंह पर यूपीए सरकार में इस्पात मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति होने की जांच चल रही है। वीरभद्र सिंह ने मामला सामने आने के बाद इस राशि को अपने सेब बागानों की आय बताया था लेकिन इनकम टैक्स विभाग की जांच में सामने आया कि जिन वाहनों से सेब की ढुलाई कागजों में दिखाई गई थी उनमें कुछ के नंबर टू-व्हीलर के थे। वीरभद्र सिंह के खिलाफ सीबीआई ने सितंम्बर, 2015 में आय से अधिक संम्पत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में केस दर्ज किया था। ये भी पढ़ें - अजब-गजबः नमक के दाने पर पेंटिंग का रिकार्ड
सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी वीरभद्र सिंह के खिलाफ 2009-2012 के दौरान जुटाई गई 6.03 करोड़ रुपये की संपत्ति की जांच कर रहा है जो उनके परिजनों के नाम पर एलआईसी पॉलिसी में निवेश की गई थी। एसआईसी की ये पालिसी आंनद चौहान के माध्यम से ही की गई थी। कुछ दिन पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट ने आंनद चौहान की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। ईडी ने हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी एलआईसी एजेंट आनंद चौहान को पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया था। वीरभद्र भी 13 अप्रैल को ईडी के सामने भी पेश हो चुके है।
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