शिमला । राष्ट्रीय आर्थिक मंदी के बीच हिमाचल प्रदेश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व वसूली पिछले वर्ष की तुलना में इस वित्तवर्ष 1,200 करोड़ रुपये से भी अधिक गिरने की संभावना है। यहां शनिवार को मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तथ्य सामने आया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 2018-19 में जहां जीएसटी राजस्व का वार्षिक संग्रह 3,456.98 करोड़ रुपये था, वहीं 2019-20 में यह अभी तक महज 1,828 करोड़ रुपये ही दर्ज किया गया है।
राज्य का वार्षिक जीएसटी राजस्व 2017-18 में 2,497 करोड़ रुपये था।
जीएसटी राजस्व में सुधार के लिए बाल्दी ने अधिकारियों को टैक्स रिटर्न फाइलिंग को 75 से 95 फीसदी तक बढ़ाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी राजस्व में सुधार के लिए एक प्रमुख अभियान शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने फील्ड अधिकारियों को 30 नवंबर तक मौजूदा 75 फीसदी रिटर्न फाइलिंग को बढ़ाने का निर्देश दिया।
उनके अनुसार, होटल और होमस्टे को कर के दायरे में लाया जाना चाहिए। इसके लिए एक अभियान शुरू किया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को उपभोक्ताओं द्वारा पेट्रोल और डीजल के उपयोग पर सी-फॉर्म के प्रावधान को हटाने के लिए एक प्रस्ताव तैयार करने का भी निर्देश दिया।
--आईएएनएस
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